जन्मू रेलवे स्टेशन में छत्तीसगढ़ के कुछ मजदूर परिवार रूके हुए थे। एक टीवी चैनल के मुताबिक वे वापस छत्तीसगढ़ जाने की राह तक रहे हैं। राकेश दास ने बताया कि वे ईटभट्टा में काम करते थे। मारपीट और आंतकी हमले के बाद वापस लौट रहे हैं। जांजगीर निवासी लोकचंद धर्मा ने बातया कि वे ईट भट्टा में काम करते थे। वहां का मालिक मार-मार के पूरे सीजन काम करवाया और पैसा नहीं दिया। रात के 12 बजे मार के भगा दिया। जबकि उनके साथ छोटे-छोटे बच्चे भी थी। उन्होंने कहा, अब कश्मीर में काम करने का माहौल नहीं है।
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पुंछ में अब तक का सबसे लंबा ऑपरेशन
एक सप्ताह से यहां आतंकवादियों के एक समूह को ट्रैक करने की कोशिश की जा रही हैं। इसमें अब तक नौ सैनिक शहीद हुए हैं। बीते सोमवार सुबह भी दोनों ओर से जोरदार फायरिंग हुई। दोनों पक्षों के बीच पहली मुठभेड़ 11 अक्टूबर को पुंछ जिले के देहरा की गली इलाके में हुआ था, जिसमें एक जेसीओ सहित पांच सैन्यकर्मी मारे गए थे। यह पिछले 17 वर्षों में क्षेत्र में सबसे घातक मुठभेड़ थी। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से अब तक जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सबसे लंबा ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर में शोपियां के द्रगाड इलाके में मुठभेड़ शुरू हो गई है। पुलिस और सुरक्षा बल ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस बात की जानकारी दी। आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत सभी लोगों को घरों के अंदर रहने के लिए कहा गया है। इलाके में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पुलिस और सुरक्षा बल पूरी तरह से सतर्क हैं।