अवैध आरामिल में वन विभाग का छापा, लाखों की इमारती लकड़ी जब्त
वन विभाग की टीम ने बुधवार को डभरा थानांतर्गत ग्राम खैरा में संचालित हो
रही अवैध आरा मिल में छापेमारी कर लाखों की सागौन लकड़ी व चिरान जब्त किया
है।
The forest department’s raid
जांजगीर-डभरा. वन विभाग की टीम ने बुधवार को डभरा थानांतर्गत ग्राम खैरा में संचालित हो रही अवैध आरा मिल में छापेमारी कर लाखों की सागौन लकड़ी व चिरान जब्त किया है।
यह आरा मिल सालों से अवैध रूप से संचालित हो रहा थी। वन विभाग को इसके बारे में काफी समय से जानकारी थी, लेकिन पुख्ता वह समय का इंतजार कर रही थी। जैसे ही उसे पता चला आरामिल में बड़े पैमाने पर अवैध लकड़ी है उन्होंने टीम गठित कर ताबड़तोड़ कारवाई की।
वन विभाग के अधिकारियों ने आरोपी आरामिल संचालक खीर प्रसाद चंद्रा पिता कृष्णा चंद्रा के खिलाफ मिल का पंचनामा कर कार्रवाई शुरू कर दिया है। वन विभाग ने आरामिल संचालक से जब्त ल$कड़ी के बारे में रिकार्ड मांगा है। रिकार्ड न दे पाने की स्थिति में उसके खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्रवाई होना तय है।
डभरा क्षेत्र के ग्राम खैरा में अवैध रूप से आरा मिल संचालित हो रहा थी। यहां सागौन, अर्जुन सहित अन्य प्रतिबंधित ईमारती लकड़ी की तस्करी कर चिराई का काम धड़ल्ले से किया जा रहा था। बीते दिवस वन विभाग की टीम को इस बात की सूचना मिली थी कि वहां अवैध लकड़ी का बड़ा खेप पहुंचा है।
इस पर डीएफओ के निर्देश पर वन विभाग की टीम ने बुधवार को सुनियोजित ढंग से छापेमारी करने मौके पर पहुंची। जैसे ही टीम खीर प्रसाद चंद्रा की आरा मिल में पहुंची वहां हड़कंप मच गया। वन विभाग की टीम के साथ पुलिस टीम भी शामिल थी। कार्रवाई के दौरान आरामिल से 14 लट्ठा इमारती लकड़ी, सागौन की इमारती लकड़ी चिरान 57 नग, सागौन की 387 नग, अन्य लकडिय़ों के लगभग 500 नग चिरान जब्त किया है।
इतना ही नहीं वन विभाग की टीम ने मौके पर एक ट्रैक्टर अन्य किस्मों के लकड़ी का चिरान जब्त किया है। ट्रैक्टर को वन विभाग ने जब्त कर लिया है। इसके अलावा आरा मिल को भी सील कर दिया है। वन विभाग की टीम कार्रवाई के बाद उसके अन्य ठिकानों की जांच कर रही है। अफसरों को अंदेशा है कि अन्य ठिकानों में भी बड़ी मात्रा में इमारती लकड़ी भी छिपाया गया है।
और भी कई आरा मिल संचालित- बताया जा रहा है कि क्षेत्र में और भी कई आरा मिल अवैध रूप से संचालित हो रहा है। जिसकी जानकारी वन विभाग को है। वन विभाग की उदासीनता की वजह से ऐसे कारोबार करने वालों का कारोबार चल रहा है। बताया जा रहा है कि गांव में लकड़ी का अवैध कारोबार करने वालों की भरमार है। गांव के कई लोग अवैध रूप से आरा मिल संचालित कर रहे है। जिस पर वन विभाग की टीम नहीं पहुंच पा रही है।
लकड़ी कारोबार का गढ़ खैरा- बताया जा रहा है कि ग्राम खैरा के 25 फीसदी आबादी लकड़ी कारोबार करता है। गांव के लोग आसपास के गांव से थोक के भाव में लकड़ी खरीदते हैं और लकड़ी से बने खाट, दीवान, शोफा, टेबल कुर्सी सहित अन्य सामान बनाकर बिक्री करते हैं। यहां कई तरह के इमारती लकड़ी का कारोबार अवैध रूप से होता है। ऐसा नहीं है कि वन विभाग को इस बात की जानकारी नहीं है। जानकारी होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जाती है।