scriptलगातार बढ़ते अपराध से थाना प्रभारियों के छूट रहे पसीने, 22 थानों में इतने अपराध सालों से पेंडिंग | Police upset with increasing crime | Patrika News

लगातार बढ़ते अपराध से थाना प्रभारियों के छूट रहे पसीने, 22 थानों में इतने अपराध सालों से पेंडिंग

locationजांजगीर चंपाPublished: Jul 11, 2019 02:23:22 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

जिले में अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। बेहतर पुलिसिंग के अभाव में पुराने मामलों की निकाल नहीं हो पा रही है। हत्या (Murder), लूट (Loot), चोरी (Theft), डकैती (Robbery), धोखाधड़ी (Fraud)) जैसे कई बड़े अपराध ऐसे हैं जिनकी गुत्थी सुलझाने में पुलिस रुचि नहीं दिखा रही है।

लगातार बढ़ते अपराध से थाना प्रभारियों के छूट रहे पसीने, 22 थानों में इतने अपराध सालों से पेंडिंग

लगातार बढ़ते अपराध से थाना प्रभारियों के छूट रहे पसीने, 22 थानों में इतने अपराध सालों से पेंडिंग

जांजगीर-चांपा. लूट, चोरी, मर्डर, डकैती, नकली नोट सहित कई अपराध ऐसे में जिनकी गुत्थी सुलझाने में पुलिस को सालों लग जा रही है, लेकिन मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। जिले में सबसे अधिक 420, 363, 366 के मामले पेंडिंग हैं। ऐसे पेंडिंग अपराधों की हर माह क्राइम मीटिंग (Crime meeting) में समीक्षा की जाती है, लेकिन थाना प्रभारियों को सफलता नहीं मिल पा रही है।

सबसे अधिक कोतवाली थाने में पेंडेंसी
जिले के 22 थानों में सबसे अधिक पेंडेंसी कोतवाली थाने में है। यहां 209 मामले पेंडिंग है। यदि नैला चौकी को जोड़ दिया जाए तो यहां की पेंडेंसी 261 का आंकड़ा छू जाएगा। कोतवाली में सबसे अधिक धारा 420 के अपराध पेंडिंग है। यहां पहले चिटफंड का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा था। अधिकतर मामले चिटफंड (Chitfund) के हैं। इसके अलावा एटीएम फॉड के मामले पेंडिंग है।

कोतवाली की कुर्सी में जो भी बैठा केवल फाइल पलटकर अपराधों का अध्ययन करती है, लेकिन अपराध पेचीदा नजर आता है तब फाइल को फिर आलमारी में सजा दिया जाता है। दूसरा थाना प्रभारी आता है फिर वही फाइल उठाकर देखता है और वह भी वही करता है जो इससे पहले कर गया है। आखिरकार मामला बढ़ते गया और पेंडेंसी बढ़ती जाती है।
यह भी पढ़ें
सरकारी विभागों पर बिजली बिल का 25.12 करोड़ बकाया, ये हैं बड़े बकायादार…

हत्या के मामलों ने उलझाया
1425 अपराध में अधिकतर मामले हत्या के हैं। होता यह है कि कई ब्लाइंड मर्डर होते हैं। जिसमें पुलिस को सुराग नहीं मिल पाता। कई मामलों में मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाती। जिसके चलते मामला उलझ जाता है। जब तक मृतकों की पहचान नहीं हो पाती तब तक केस की जांच नहीं हो पाती। जिससे मामला पेंडिंग रहता है।

दिसंबर महीने में होती है भागदौड़
दिसंबर माह में पुलिस को पेंडेंसी निपटाने का टारगेट दिया जाता है। जिसमें पुलिस भागदौड़ करती है। क्योंकि इस माह में पुलिस अधिकारियों द्वारा प्रत्येक थाना प्रभारियों को पेंडेंसी निपटाने अल्टीमेटम दिया जाता है। नियम का कड़ाई से पालन करने कहा जाता है। जिसके हिसाब से थाना प्रभारी काम करते हैं और अधिकतर पेंडेंसी निपटाते हैं।

यह भी पढ़ें
Road Accident : अस्थि विसर्जन कर लौट रहा था परिवार, हो गया दर्दनाक हादसा, तीन लोग घायल, एक की मौत

263 मामले ने भी पुलिस को उलझाया
जिले में नाबालिगों का हर रोज अपहरण हो रहा है। मोबाइल के युग में नाबालिग लड़कियां अपने पुरूष मित्रों के झांसे में आकर घर से निकल रहीं हैं। ऐसे जोड़े जम्मू-कश्मीर की ओर भाग निकलते हैं। ऐसे लोगों की तलाश करना पुलिस के लिए चुनौती बन जाती है। हालांकि ऐसे लोगों का सुराग मिलने पर पुलिस टीम बनाकर उक्त स्थानों में दबिश देती है, लेकिन बहुत से मामले नहीं सुलझ पाते।

कहां कितनी पेंडेंसी
जांजगीर थाना -209
नैला थाना- 52
बलौदा थाना- 44
पंतोरा थाना- 10
अकलतरा थाना- 91
मुलमुलाथाना- 40
पामगढ़थाना- 90
शिवरीनारायणथाना- 118
नवागढ़थाना- 62
चांपाथाना- 101
बम्हनीडीहथाना-20
सारागांवथाना- 16
बम्हनीडीहथाना-71
नगरदाथाना-15
बिर्राथाना-31
जैजैपुरथाना-35
हसौदथाना-34
सक्तीथाना-132
मालखरौदाथाना-78
डभराथाना-145
चंद्रपुरथाना-21
यातायातथाना-10
योगथाना-1425

-पेंडेंसी निपटाने के लिए थाना प्रभारियों को हर माह टारगेट दिया जाता है। इसके अलावा संबंधित एसडीओपी भी टारगेट दिया जाता है। क्राइम मीटिंग में इस बात की समीक्षा होती है, जो टारगेट में खरे नहीं उतरते उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाती है- मधुलिका सिंह, एएसपी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो