प्रदेश सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को अधिक बेहतर बनाने के लिए नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी को मॉडल तरीके से संरक्षित करने की योजना शुरू की है। गौठान और चारागाह की व्यवस्था करके पारंपरिक एवं प्रचलित व्यवस्था को बनाये रखने की योजना है। प्रस्तावित गौठान के लिए न्यूनतम तीन एकड़ भूमि में औसत 300 पशुओं के लिए बनाया जाएगा। गौठान के चारों तरफ बाहरी परिधि में वाटर एब्जॉप्र्सन ट्रेन्च, मध्य में चैन लिंक्ड वायर मेश फैसिंग, अंदरूनी परिधि में पैटल पु्रफ ट्रेन्च, गोबर संग्रहण के लिए कम्पोस्टिंग पिट, पानी के सोलर ऊर्जा से संचालित पंप, जल निकासी के लिए नाली, कीचड़ से बचाव के लिए मुरूम/स्टोन डस्ट का बिछाव किया जाएगा।
पशुओं के पीने के लिए पानी की टंकियां, कम्पोस्ट खाद निर्माण के लिए नाडेप तथा वर्मी कम्पोस्ट टंकियां तैयार की जाएगी। जनपद पंचायत अकलतरा और बम्हनीडीह में 12.12 गौठान बनाए जाएंगे। इसी प्रकार बलौदा में 13, डभरा में 20, नवागढ़ में 17, पामगढ़ में 11, सक्ती में 19, जैजैपुर और मालखरौदा में 16.16 गौठान की मंजूरी दी गई है।