दिलचस्प बात यह है कि चार आरक्षकों की टीम द्वारा इतना बड़ा खेल किए जाने की सूचना थाना प्रभारी को नहीं हुई, या फिर उनकी संलिप्तता सामने आ रही है इस बात की जांच विभाग के अधिकारी करने की बात कह रहे हैं। शुक्रवार की रात भी कुछ इसी तरह का मामला सामने है। जिसमे शिवरीनारायण पुलिस को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
शिवरीनारायण पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि ओडिशा पासिंग की गाड़ी में बड़ी मात्रा में गांजे की तस्करी की जा रही हैं। गांजे से भरी गाड़ी शिवरीनारायण से होकर गुजरने वाली हैं। शिवरीनारायण पुलिस के चार सिपाहियों ने गांजे से भरी गाड़ी को शबरी पुल के किनारे स्थित काली मंदिर के पास उक्त वाहन को रोका और वाहन की तलाशी ली गई।
युवक के कब्जे से बड़ी मात्रा में अवैध शराब जब्त, एमपी से की गई है तस्करी, इस ब्रांड का सात पेटी मिला वाहन की तलाशी में सिपाहियों को बड़ी मात्रा में गांजा मिला। जिस पर कार्रवाई करने की लेन-देन कर मामला निपटा लिया गया। गांजे से भरे वाहन को छोड़ दिया गया। मुख्य मार्ग होने के कारण मौके पर उपस्थित लोगों ने पुलिस की पूरी करतूत अपने आंखों के सामने देखी लेकिन आम आदमियों को पुलिस की कार्रवाई से कोई लेना न होने पर वहां से चलते बने, लेकिन लोगों के बीच यह चर्चा का विषय जरूर बन गया। इस पूरे मामले में यह भी जानकारी सामने आ रही हैं कि गांजे के तस्कर को छोडऩे के एवज में सिपाहियों ने एक लाख 60 हजार रुपए लिए है।
इन आरक्षकों पर लगा आरोप
शिवरीनारायण थाने में पदस्थ चार आरक्षकों में सबसे पहला नाम श्याम राठौर का आया है। बताया जा रहा है कि श्याम राठौर थाना प्रभारी का खास कर्मचारी है। थाना प्रभारी की जितने भी गोपनीय कार्य है वह इसी के द्वारा किया जाता है। इसके अलावा पतिराम यादव, तेरस राम साहू एवं जनक राम कश्यप का नाम शामिल है। बताया जा रहा है कि इनकी ड्यूटी रात्रि गश्त में लगी भी नहीं थी और वे रात को वसूली के लिए निकले थे। मुखबिर की सूचना को आधार मानकर घर से निकले और बाहर ही बाहर एक लाख 60 हजार रुपए की वसूली कर ली।
-मामले की सूचना मिली है। इसकी जांच कराएंगे और मामला सही पाए जाने पर आरक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मधुलिका सिंह, एएसपी