नरेंद्र देवांगन ने बताया कि उनकी चांपा मोदी चौक में कपड़े की एक छोटी सी दुकान है। घर में उनके पिता रामदीन माता हीरामति सहित पत्नी नीरा बाई और तीन बेटे खेमचंद्र (18), घनश्याम (16) और गोपाल (13) रहते हैं। नरेंद्र ने बताया कि साल 2018 उनके लिए काफी लकी है। इस साल उनके दो बेटे 10वीं और 12वीं बोर्ड में अच्छे अंको से पास हुए तो वहीं कपड़े के एक कूपन में उन्हें इलेक्ट्रिक आयरन मिल चुका है,
लेकिन पत्रिका का यह बड़ा उपहार मिलना उन्हें एयर कंडीशन लगने से पहले ही सुकून दे रहा है। उन्होंने बताया कि पहले कूपन प्रतियोगिता को एक प्रचार का माध्यम मानते थे, लेकिन पत्रिका ने एक अलग विश्वास जगाया है कि यदि लकी हुए तो ईनाम निकलेगा ही। उन्होंने पत्रिका से मिले ईनाम की बात को पड़ोसियों सहित पूरे मोहल्ले में बताया इससे अब वह लोग भी दूसरा अखबार बंद करके पत्रिका की मांग हॉकर से करने लगे हैं।
पत्रिका जैसा दूसरा अखबार नहीं
नरेंद्र ने पत्रिका को बताया वह दो साल पहले दूसरा अखबार लेते थे। उसमें काफी विज्ञापन होता था। इसके साथ ही उन्होंने दो-तीन अन्य अखबार भी लेकर पढ़े, लेकिन उतना मजा नहीं आया। सभी में खबरों से अधिक विज्ञापन में ध्यान दिया जाता है।