अब ग्राम पंचायतों में ई पावती का वितरण का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है, लेकिन ई पावती को घर-घर जाकर वितरण करने की जिम्मेदारी मितानिनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित मास्टर ट्रेनर को दिया गया है, लेकिन ई पावती को वितरण करने में खून पसीना एक करना पड़ रहा है वह इसलिये की ई पावती जो कि कम्प्यूटर से बारकोड़ सहित प्रिंट हुआ है उसमें न तो पिता या पति या जाति या वार्ड का नाम भी अंकित नही है सिर्फ टिन नंबर सहित स्काई आईडी और हितग्राही का नाम अंकित होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्योकि गांव में किसी एक नाम को खोजते हैं तो उस गांव में एक ही नाम के और भी व्यक्ति है जिससे पहचानने में परेशानी हो रही है ।
कई हितग्राहियों का आवेदन अपलोड़ नही
संचार क्रांति योजना के तहत गांव के कई लोगोंं का फार्म आनलाईन नहीं हुआ है क्योकि कई हितग्राहियों का स्वयं के द्वारा भरा गया आवेदन में टिन नंबर जो कि मुख्य रूप से अनिवार्य होता है उसी बेस पर कम्प्यूटर में सर्च होता है या ऑनलाईन का कार्य किया जाना था उसे भरा नही गया है इसी कारण से उन हितग्राहियों का फार्म अपलोड़ नही हो पाया है ।
आपरेटर की गलती से छूटा फार्म आनलाईन होने से
पूरे प्रदेश भर में आम जनता से लेकर युवा और बुजुर्गो को जब हाईटेक करने की योजना बन सकती है, लेकिन सरकार में जब पूर्व में पंचायत सहायक सह डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों की भर्ती राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण योजनाा के तहत भर्ती की गई थी लेकिन बजट के अभाव में पंचायत आजतक हाईटेक नही हो पाया लेकिन अब आम जनता को हाइटेक करने की योजना की जा रही है जब कि पंचायत को पेपरलेस करना मुख्य मकसद था सरकार का,