एक ओर सरकार शिक्षा गुणवत्ता अभियान चलाकर शिक्षा का स्तर सुधारने की बात करती है तो वहीं दूसरी ओर स्कूलों में शिक्षक की व्यवस्था नहीं कर पा रही है। जहां जो शिक्षक पदस्थ हैं उन्हें ले -देकर मन मुताबिक स्थानों में अटेच कर दिया जा रहा है। ऐसे में शिक्षा गुणवत्ता अभियान की हवा निकलते दिखाई दे रही है। कुछ इसी तरह की कहानी प्राइमरी स्कूल भवरेली की है। जहां हाल ही में यहां दो शिक्षक छोटे लाल श्रीवास और चंद्रकला धीवर पदस्थ थे।
ग्रामीणों ने लगाया लेन देन कर अटेच करने का आरोप
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के जिला महामंत्री व जल उपभोक्ता संस्था के अध्यक्ष भूपेंद्र दुबे ने बीईओ पर आरोप लगाया कि वे शिक्षकों से 10-10 हजार रुपए लेकर अन्यत्र अटेच करने का काम करते हैं। कोई भी शिक्षक यदि अपने मन मुताबिक स्कूल में जाना चाहता है तो आसान है। कुछ इसी तरह का खेल बम्हनीडीह ब्लाक में काफी अर्से से चल रहा है। भूपेंद्र दुबे ने आरोप लगाया है कि बीईओ केके बंजारे यहां पहले पदस्थ शिक्षिका चंद्रकला धीवर से 10 हजार रुपए लेकर अन्यत्र अटेच कर दिया है। हालांकि अभी चंद्रकला धीवर वर्तमान में मातृत्व अवकाश पर है, लेकिन इससे पहले कई बार वह अन्यत्र अटेच हो चुकी है।
-प्राइमरी स्कूल में मैं अकेले शिक्षक हूं। शिक्षिका चंद्रकला धीवर पहले पदस्थ थी वह मातृत्व अवकाश पर चली गई है। अकेले स्कूल संभालना कठिन काम हो जाता है।
-छोटेलाल श्रीवास, हेडमास्टर, प्रा. स्कूल भवरेली