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जांजगीर चंपा

11 सूत्रीय मांगों को लेकर भू-विस्थापितों की शुरू की भूख हड़ताल, नौकरी, पुनर्वास नीति सहित कई मुद्दे शामिल

– मड़वा पावर प्लांट का मामला

जांजगीर चंपाMar 10, 2019 / 05:17 pm

Shiv Singh

11 सूत्रीय मांगों को लेकर भू-विस्थापितों की शुरू की भूख हड़ताल, नौकरी, पुनर्वास नीति सहित कई मुद्दे शामिल

11 सूत्रीय मांगों को लेकर भू-विस्थापितों की शुरू की भूख हड़ताल, नौकरी, पुनर्वास नीति सहित कई मुद्दे शामिल

जांजगीर-चांपा. अटल बिहारी बाजपेयी ताप विद्युत गृह मड़वा तेंदूभांठा के भू-विस्थापितों ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर रविवार से भूख हड़ताल शुरू कर दिया है। इससे पहले 8 मार्च से भू-विस्थापितों ने जांजगीर के कचहरी चौक में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया था। अब यही भू-विस्थापित भूख हड़ताल शुरू कर दिए हैं। लेकिन इनकी सुनवाई नहीं हो पा रही है। लेकिन प्रशासन इनकी सुध नहीं ले रही है और न ही प्लांट प्रबंधन। जिसके चलते उन्हें उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि आठ मार्च से अटल बिहारी बाजपेयी ताप विद्युत गृह मड़वा तेंदूभांठा के भू-विस्थापितों ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। आठ मार्च को भू-विस्थापितों ने नैला रेलवे स्टेशन से बाइक रैली का आयोजन किया और कचहरी चौक में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार को भूमिपुत्र किसान कल्याण समिति मड़वा तेंदूभांठा प्रोजेक्ट के अध्यक्ष किशोर साव के नेतृत्व में भूख हड़ताल शुरू कर दिया है। किसानों की मांगें है कि, आदर्श पुनर्वास नीति 2007 लागू किया जाए, पड़े लिखे बेरोजगारों को प्लांट में योग्यतानुसार नौकरी, कम पढ़े लिखे भूविस्थापितों को प्रति माह भत्ता, विकलांगों को नौकरी से वंचित कर दिया गया है उन्हें नौकरी, इंजीनियरिंग, डिप्लोमा सहित अन्य तकनीति योग्यताधारियों को नौकरी सहित 11 सूत्रीय मांग शामिल है।
संघ के अध्यक्ष किशोर साव ने बताया कि उनके आंदोलन को लेकर प्रशासन ने अब तक सुध नहीं है। जिसके चलते सारे भू-विस्थापित रविवार से भूख हड़ताल करना पड़ रहा है।

बीते 10 साल से कर रहे आंदोलन
पावर प्लांट के भूविस्थापित बीते 10 साल से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो पा रही है। अभी भी 70 फीसदी भू-विस्थापितों का नौकरी सहित अन्य मुद्दे नहीं सुलझ पाए हैं। जिसके चलते भूविस्थापितों को हड़ताल करने विवश होना पड़ रहा है, लेकिन प्लांट प्रबंधन को इनकी समस्या से कोई सरोकार नहीं है।

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