लेकिन अब उक्त कंपनी के लोगों द्वारा किसानों की जमीन में लगी फसल को काटने से मना किया जा रहा है। कंपनी के लोगों द्वारा किसानों को बेवजह डराया धमकाया जा रहा। इससे परेशान क्षेत्र के सैकड़ो किसान सोमवार को कलेक्टोरेट का घेराव कर दिया। किसानों की मांगें है कि उक्त कंपनी के लोगों पर कड़ी कार्रवाई हो।
केराकछार कोनचरा के किसान चैन सिंह बिंझवार जब रविवार को अपने धान की खड़ी फसल को काटने गया तब शारडा एनर्जी लिमिटेड कंपनी के जोधराम बिंझवार द्वारा फसल काटने से मना कर दिया गया। इतना ही नहीं जोधराम द्वारा फूलबाई के सिर पर टांगी से ताबड़तोड़ हमला कर दिया।
फूलबाई जब मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने पंतोरा चौकी गई तब उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। इसी तरह शारडा एनर्जी के गुंडे द्वारा लगातार ग्रामीणों पर हमला किया जा रहा है। 7 नवंबर को इतवार सिंह पिता हरिसिंह द्वारा सुखमणी पति हरिदास, रजनी पति पितरदास आदि की उपस्थिति में किसानों को उनकी फसल काटने से मना किया जा रहा है।
किसान द्वारा जब फसल कटाई किया जा रहा है तब इतवार सिंह द्वारा कहा जा रहा है कि तुम लोग यहां से चले जाओ नहीं तो टीकाराम की तरह मारकर फेंक दिया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि टीकाराम की इसी तरह जमीन संबंधी विवाद के चलते 25 अगस्त 2016 को उसकी हत्या कर दी गई थी।
अब पुलिस द्वारा किसी भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई है। ग्रामीणों ने कहा है कि टीकाराम हत्याकांड के संबंध में न्यायिक जांच हो ताकि हत्या के आरोपी बेनकाब हों। सोमवार को कलेक्टोरेट पहुंचकर ज्ञापन सौपने वालों में पीतर दास, कृष्णा केंवट, हीरी लाल, अमृत बिंझवार, दिल बाई, फूल बाई, इंदिरा बाई, अमृत बाई यादव सहित दर्जनों किसान शामिल थे।
यह है प्रमुख मांगें–
-शारडा एनर्जी के मुक्तियार रितेश कुमार शर्मा, बालमुंकुंद सिंह, जय कुमार परस्ते, कपूर सिंह धुर्वे के द्वारा कराई गई जमीन की रजिस्ट्री को शून्य घोषित किया जाए।
-उक्त जमीन के संबंध में हुई टीकाराम बिंझवार की हत्या की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
-शारडा एनर्जी के गुर्गे से मुक्त कर हमें हमारी फसल की कटाई तब पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए।