ऐेसे में परेशान ग्रामीणों ने आमनण अनशन का सहारा लिया लेकिन लगातार तीन दिन तक एक भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा लेकिन ग्रामीण भी इस बार भ्रष्टाचार के खिलाफ लंबी लड़ाई लडऩे की तैयारी करके बैठे थे।
प्रशासन तक बात पहुंची तो प्रशासनिक स्तर पर हलचल मच गयी। आखिरकार चौथे दिन शुक्रवार को पोडीशंकर पंचायत के ग्रामीणो का आमरण अनशन तब खत्म कर दिया जब चाम्पा के एसडीएम युगल किशोर उर्वशा ने इन ग्रामीणों के पास पहुंचे और उनसे मुलाकात कर समस्या सुनी।
एसडीएम ने पूरे मामले की एक माह के अंदर जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
पोडीशंकर पंचायत के सरपंच संतोष यादव सचिव शान्ति लाल यादव के द्वारा पंचायत की राशि में बंदर बांट कर लाखों रूपये के बिना बिल व बाऊचर के पैसा आहरित कर लिया गया था।
इसकी शिकायत ग्रामीणों ने की थी पर कार्रवाई नहीं से नाराज होकर ग्रामीण बम्हनीडीह जनपद पंचायत के सामने 26 सितम्बर के अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठ गए थे। तीन दिन तक लगातार ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर डटे रहे और आरोपित ग्राम पंचायत के सरपंच व सचिव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते रहे लेकिन तीन दिनों में जब कोई अफसर नहीं पहुंचा तो ग्रामीणों ने आंदोलन तेज करने की धमकी दे डाली।
यह धमकी रंग लायी और फिर शुक्रवार को एसडीएम चांपा मौक्े पर पहुंचे। आंदोलकारियों ने बताया कि शुक्रवार को बताया कि एसडीएम युगल किशोर उर्वशा ने ग्रामीणो से मुलाकात कर सरपंच सचिव के खिलाफ जांच कर एक माह के अंदर कार्रवाई करने का आसवासन दिया है ग्रामीण आसवासन पर अमल करते हुए आमरण अनशन खत्म किया है
पत्रिका को धन्यवाद– पत्रिका टीम को ग्रामीणों ने कहा धन्यवाद। ग्रामीणों ने कहा कि जांजगीर जिले की पोडीशंकर ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव के द्वारा कई प्रकार के कार्यों में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया है।
इसकी शिकायत समय-समय पर जनपद पंचायत अध्यक्ष,सीईओ सहित जिले के सभी बड़े अधिकारियों से की गयी लेकिन एक भी अधिकारी ने समय रहते खुले आम किए जा रहे भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगायी और न ही संबंधित सरपंच और सचिव के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई की।
ऐसे में ग्रामीण मजबूर होकर आमरण अनशन पर बैठे। इस आंदोलन को लेकर पत्रिका ने लगातार प्रमुखता से प्रकाशित कर भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में साथ दिया।