जांजगीर चंपा

VIDEO- इस अधिकारी से मिलना है तो फरियादियों को पर्स, मोबाइल, कैमरा आदि सामान कार्यालय के बाहर करना होगा जमा, पढि़ए खबर…

डीडीए के इस तानाशाही फरमान की पूरे जिले में आलोचना हो रही है।अपनी समस्या को लेकर मिलने के लिए इतनी कड़ाई तो कलेक्टर और एसपी से मिलने के लिए नहीं है।

जांजगीर चंपाFeb 16, 2018 / 11:21 am

Shiv Singh

जांजगीर-चांपा. जिले में नए-नए कारनामे देखने को मिल रहे हैं। यहां प्रशासनिक अधिकारी अपनी मनमानी करने पर पूरी तरह से आमादा हैं। जिले के कृषि संचालक एलएम भगत ने सारी हदे पार कर दी हैं। उनके फरमान के मुताबिक फरियादियों को उनसे मिलना है तो पहले कार्यालय में तलाशी देनी होगी और साथ में लाए पर्स, मोबाइल, कैमरा व पेन सहित अन्य सामान कार्यालय के बाहर जमा करना होगा। इसके बाद ही डीडीए फरियादियों से अपने चैम्बर में मिलेंगे। डीडीए के इस अनोखे व तानाशाही फरमान की पूरे जिले में आलोचना हो रही है। लोगों का कहना है कि अपनी समस्या को लेकर मिलने के लिए इतनी कड़ाई तो कलेक्टर और एसपी से मिलने के लिए नहीं है।
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जिले के कृषि अधिकारी एलएम भगत लंबी छुट्टी के बाद कार्यालय में गुरुवार को बैठे और पहले ही दिन वह शहर की आम चर्चा में सबसे ऊपर रहे। उनके कार्यालय में जो भी किसान मिलने के लिए जा रहा था, कार्यालय के बाबू व अन्य स्टॉफ उनके द्वारा चस्पा कराया गया आदेश को पढ़ा रहे थे और तलाशी देने की बात कह रहे थे। इससे आधे से अधिक किसान तो बिना मिले ही चलते बने। एमएल भगत ने आदेश चस्पा कराया है उसमे बड़े-बड़े शब्दों में पहले तो बिना अनुमति प्रवेश वर्जित लिखा है।

इसके बाद नीचे लिखा गया है कि अंदर प्रवेश करने से पहले अपना मोबाइल, बैग, पर्स व अन्य सामग्री बाहर छोड़ें। इससे लोग इतने भयभीत हैं कि उनेक बैग या पर्स में अहम दस्तावेज व चीजें होती हैं। इस हालत में वह उसे बाहर कैसे छोड़ दें और उसके बाद खतरा मोल लेकर डीडीए से मिलने उनके चैंबर में घुसें। कार्यालय के कर्मचारियों का कहना है कि साहब से कुछ दिन पहले कुछ लोगों से तीखी नोकझोंक हुई थी। इसके चलते वह सुरक्षागत कारणों से ऐसा कर रहे हैं। लेकिन एक शासकीय कार्यालय में इतनी पाबंदी लगाना एक जिला स्तर के अधिकारी के लिए कहां तक उचित है और क्या यह नियम के मुताबिक है बताने वाला कोई नहीं है।

चल रही है जांच
कोरिया संभाग के प्रतापपुर थाना प्रभारी ओपी कुजूर का कहना है कि डीडीए एलएम भगत द्वारा किए गए गबन के बारे में पहली जांच रिपोर्ट उन्हें दोषी बताती है तो दूसरे अधिकारी ने उन्हें क्लीनचिट दी हुई है। इस विरोधाभास के चलते पुलिस खुद इस मामले की जांच कर रही है और जांच में यदि भगत दोषी पाए जाते हैं तो उनकी गिरफ्तारी कर उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा।

करोड़ों के गबन के आरोपी
कषि अधिकारी एलएम भगत पर हाल ही में प्रतापपुर पुलिस ने करोड़ों रुपए के गबन का मामला दर्ज किया है और उनके खिलाफ जांच भी की जा रही है। जांजगीर जिले में भी एलएम भगत काफी सुर्खियों में है और किसानों का आरोप है कि उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। किसानों को देने के लिए जो भी बीज आता है उसे तक वह हजम कर जा रहे हैं। किसानों ने ऐसे अधिकारी को जिले से हटाने और उनके ऊपर लगे आरोपी सही जांच कर कार्यवाही की मांग के लिए हाईकोर्ट तक जा चुके हैं।

 

कार्यालय बना सुरक्षा का गढ़
डीडीए का कार्यालय सुरक्षा का गढ़ बन गया है। यहां पहले ही पूरे कार्यालय को सीसीटीवी कैमरों से लैश किया जा चुका है। कार्यालय में हर एक एक्टिविटी की निगरानी डीडीए के पास होती है। इतना ही नहीं इसके बाद इत तरह का तुगलकी फर लोगों को और अचंबित कर रहा है।

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