अंतरराज्यीय बस अड्डे में लगी टावर वाच को चेन्नई से विशेष रूप से मंगाया गया है। यह घड़ी छत्तीसगढ़ राज्य की पहली घड़ी होगी जो जीएमटी समय बताएगी। यह लगी एक घड़ी की कीमत एक लाख रुपए है। बस अड्डे में आगे और पीछे की तरफ दो घड़ी लगाई गई हैं। इस घड़ी को पूरे भारत में अभी एक ही कंपनी बना रही है। यह घड़ी पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक है। जीपीएस से चलने वाली यह घड़ी कभी बंद नहीं होगी। लाइट जाने पर यह पॉवर बैकअप तकनीक से चलती रहेगी। अधिकारियों की माने तो अभी जो समय भारतीय घडिय़ां दिखाती हैं वह राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला (एनपीएल) द्वारा जारी किया जाता है। यह समय अंतरराष्ट्रीय समय की तुलना में 2.7 नैनो सेकंड तक सही होता है। एनपीएल द्वारा जो समय जारी किया जाता है वह सभी जगह एक नहीं है। इसीलए भारत सरकार भी पूरे देश में एक ही समय लागू करने की दिशा में काम कर रही है। जल्द ही भारत में जीएमटी समय ही मानक माना जाएगा। जीएमटी और एनपीएल समय में काफी कम अंतर है, लेकिन इसे भी एक करने की पहल हो रही है।
दूसरे देशों में क्या है व्यवस्था? अधिकारियों की माने तो जर्मनी, अमेरिका, जापान में वहां का अपना एक लीगल टाइम है। वही टाइम सभी जगह फॉलो किया जाता है। अब हमारे देश में भी इसके प्रति जागरूकता बढ़ी है। इसी लिए यहां भी एक समय को कानूनी वैधता देने का काम किया जा रहा है।
एचवीएलएफ फैन गर्मी में नहीं आने देगा पसीना बस अड्डे में चार हाई वैल्यूम लो स्पीड (एचवीएलएफ) फैन लगाए गए हैं। इस एक पंखे की कीमत डेढ़ लाख रुपए बताई जा रही है। इसकी खासियत यह है कि यह धीमी गति से चलता है, लेकिन इसकी हवा काफी बड़े क्षेत्रफल को कवर करती है और इतनी तेज होती है जैसे आप किसी कूलर के सामने बैठे हों। रायपुर रेलवे स्टेशन में भी यह फैन लगा है, जो कि अकेले पूरे हाल को कवर करता है। इस पंखे को कोलकाता से मंगाया गया है।
वर्जन- अंतरराज्यीय बस अड्डे में लगी टावर वाच जीएमटी समय को दर्शाएगी। जीपीएस से चलने के कारण यह अपने आप ही अपना समय सेट कर लेगी। छत्तीसगढ़ में यह पहली ऐसी घड़ी है। इसका समय मैनुअल तरीके से सेट नहीं किया जा सकता है।
-राजेश नायडू, कार्य पालन अभियंता, सूडा