यह भी पढ़ें
महिला बाल विकास विभाग के 8 कर्मचारियों की बर्खास्तगी का आदेश निरस्त, हाई कोर्ट में दी थी चुनौती
क्योंकि पानी टंकी ही सूखी पड़ी है। टंकी को भरने कोई जलस्रोत ही नहीं है। पीएचई विभाग ने पाइप लाइन बिछाने और नल कनेक्शन लगाने के काम को पहले प्राथमिकता दी। पानी टंकी को कैसे भरेंगे इसको दरकिनार कर दिया। अब स्थिति यह है कि टंकी के लिए जल स्रोत ढूंढने के लिए एक के बाद एक नया बोर खनन कराया जा रहा है लेकिन हर बार बोर फेल हो रहा है। टंकी के पास दो नया बोर खनन कराया जा चुका है। लेकिन नतीजा कुछ हाथ नहीं आ रहा। पुरानी टंकी के भरोसे रहा पीएचई विभाग दरअसल, पनगांव में जेजेएम के तहत नई पानी टंकी का निर्माण नहीं कराया गया है। इसके पीछे पीएचई के अफसरों का तर्क है कि गांव में पुरानी टंकी पहले से बनी हुई थी जो अच्छी कंडीशन में थी। जबकि ग्राम पंचायत सरपंच ने पहले ही अवगत कराया था कि वह टंकी नदी तट के किनारे है जो काफी नीचे हैं और गांव ऊपर बसा है। पानी ऊपर गांव में चढ़ नहीं पाएगा। ग्राम सरपंच ने दूसरी जगह भी नई टंकी बनाने के लिए अफसरों को दिखाई थी मगर अफसरों ने मनमर्जी चलाते हुए उसी पुरानी टंकी से ही पाइप जोड़कर पानी देने का स्टीमेट बना दिया।
यह भी पढ़ें
रायपुर एयरपोर्ट को पूरे भारत में मिला पांचवा स्थान, 15 लाख यात्रियों का हो चूका आवागमन… 2023 के सर्वे के बाद मिला अवार्ड
इंजीनियर और एसडीओ नहीं उठा रहे फोन लाखों का काम होने के बाद भी पानी नहीं मिलने पर अब ग्रामीण की बातें गांव के पंच-सरपंच को आए दिन सुनना पड़ रहा है। सरपंच या सरपंच प्रतिनिधि के फोन तक पीएचई के अधिकारी-इंजीनियर नहीं उठा रहे। पत्रिका की टीम के सामने ही सरपंच प्रतिनिधि ने पहले इंजीनियर पवन अग्रवाल फिर एसडीओ जाटवर को फोन लगाया पर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
जेजेएम के तहत गांव में किसी भी काम की कोई जानकारी पीएचई ने आज तक नहीं दी है। पुरानी टंकी गांव से काफी नीचे बना है। पानी सप्लाई अब तक शुरू नहीं हुई है। अब कलेक्टर से ही इसकी शिकायत करेंगे।
-शीला देवी रत्नाकर, सरपंच पनगांव हमारी ओर से काम करीब-करीब पूरा हो चुका है। पुरानी टंकी से कनेक्शन जोड़कर घरों तक पानी सप्लाई होना है। लेकिन जल स्रोत नहीं मिल पाया है। बोर खनन की जिम्मेदारी पीएचई की है। जलस्रोत मिलने पर पानी सप्लाई शुरू हो जाएगी।
– मुकेश शर्मा, ठेकेदार जेजेएम