इस दौरान अशासकीय स्कूल चलाने वाले सभी संचालको ने लामबंद होकर नायब तहसीलदार रमेश मसारे को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नाम ज्ञापन सौंपा। इसमें समस्याओं के निराकरण की मांग की। इसमें मुख्य रूप से विद्यालयीन वाहनों को प्रताडि़त किए जाने की समस्या बताई। गत दिनों इंदौर में हुए हादसे के बाद स्कूली वाहनों पर चला सख्ती के अभियान और चैकिंग के चलते मामला उठा और अब स्कूल संचालकों ने लामबंद होकर ज्ञापन सौंपकर अपनी मांग रखी।
प्रदेश के सभी विद्यालय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों एवं नियमों की पूर्ति करने हेतु वचनबद्ध है, लेकिन आगामी परीक्षाओं को देखते हुए समय चाहते है। ३१ मार्च तक इन कार्रवाईयों को स्थगित किया जाए। वर्तमान में वार्षिक परीक्षाओं का समय निकट है, यदि विद्यालयीन वाहनों के संचालन को अवरुद्ध किया गया तो विद्यार्थियों की परीक्षा में व्यवधान होगा तथा उनके परिणामों पर ही असर पड़ेगा।
न्यायालय के नियमानुसार स्पीड गवर्नर ६० किमी प्रति घंटा पर सेट होना चाहिए। यदि ४० किमी प्रति घंटा की स्पीड को निर्धारित किया गया तो डीजल की अत्यधिक खपत होगी। इससे अभिभावको पर अतिरिक्त भार पड़ेगा। परिवहन विभाग द्वारा स्कूल वाहनों में आवंटित सीटों की संख्या में डेढ़ गुना विद्यार्थियों को लाने ले जाने हेतु स्वीकृति प्रदान करने की मांग की।
न्यायालय के नियमानुसार स्पीड गवर्नर ६० किमी प्रति घंटा पर सेट होना चाहिए। यदि ४० किमी प्रति घंटा की स्पीड को निर्धारित किया गया तो डीजल की अत्यधिक खपत होगी। इससे अभिभावको पर अतिरिक्त भार पड़ेगा। परिवहन विभाग द्वारा स्कूल वाहनों में आवंटित सीटों की संख्या में डेढ़ गुना विद्यार्थियों को लाने ले जाने हेतु स्वीकृति प्रदान करने की मांग की।
वाहनों में महिला परिचालक की नियुक्ति की छुट हो क्योंकि कैमरे सारी स्थिति बयां करते हंै। वाहन चालक एवं परिचालक के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए तहसील स्तर पर शासकीय अस्पताल में कोई एक दिवस निर्धारित किया जाए। असामाजिक तत्वों द्वारा विद्यालय परिसर में उपद्रव करने तथा विद्यालय संचालक, प्राचार्य एवं शिक्षकों से अभद्र व्यवहार करने की स्थिति में उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। अधिकारियों द्वारा समय-समय पर बैठक में बुलाकर अपमानजनक व्यवकार करने, मान्यता रद्द करने एवं संचालक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने जैसे शब्दों पर अंकुश लगाया जाए। विद्यालय शिक्षा का मंदिर है। कोई गैर कानून कार्य करने वाला स्थान नहीं है। छात्र हित में त्वरित निर्णय करते हुए उक्त समस्याओं के समाधान करवाने की मांग की है।