मंच पर भाषण दे रहे कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष पवन अग्रवाल के साथ अल्पसंख्यक जिलाध्यक्ष इफ्तेखार हसन ने धक्का-मुक्की करते हुए माइक छीन ली। इसके बाद मंच पर भगदड़ मच गई और कई लोग वहां चढ़ गए।
पार्टी के बड़े नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी और संगठन को लेकर मंच पर जो गदर मचा, उससे कांग्रेस पार्टी को लंबे समय तक इस घटना को लेकर शर्मशार होना पड़ेगा। ऐसी चर्चा है कि यह विवाद वर्तमान ढाई-ढाई साल के सीएम फार्मूले के तहत मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर बने दो गुटों के बीच अंदरूनी द्वेष का नतीजा है। घटना को अप्रत्याशित भी नहीं बताया जा रहा।
इस घटना के बाद पूर्व जिलाध्यक्ष पवन अग्रवाल ने बताया कि पहले तो उन्हें यह बोलकर माइक पकडऩे से भी मना किया जाता रहा कि केवल कार्यकर्ता बोलेंगे, लेकिन उन्हें किसी तरह बोलने का मौका मिला।
जब उन्होंने कांग्रेस को जशपुर में जीत कैसे मिली, एक-एक कार्यकर्ताओ को कैसे जोड़ा गया और प्रदेश के स्वास्थ मंत्री टीएस सिंहदेव की जीत में कितनी बड़ी भूमिका रही, बताई तो उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया।
कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष पवन अग्रवाल के साथ भरे मंच पर हुई इस प्रकार के अपमान की घटना पर अग्रवाल समाज ने विरोध जताया। समाज के लोगों ने पत्थलगांव में अल्पसंख्यक जिलाध्यक्ष इफ्तेखार हसन का पुतला फूंका और उनके खिलाफ कार्रवाई के संबंध में पत्थलगांव थाने में ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग है।