बी.आर.सी.सी के अधिकारी प्रधानपाठकों के खाते में राशि आते ही ठेकेदार बनकर उनके कार्यों को स्वयं कराने लग जाते है, जिसके कारण स्कूलों में होने वाले कार्य बेहद घटिया स्तर के हो रहे है। इधर बी.आर.सी.सी के अधिकारी अपना दामन पाक साफ रखने के लिए स्कूलों में होने वाले बालवाड़ी के कार्य को प्रधानपाठको द्वारा ही कराए जाने का शपथ पत्र तैयार कराया जा रहा है, जिससे उनके दामन पर आरोप के दाग ना लग सकें।
बिल पास होने के बाद हो रही बंदरबांट – पेंटर विजय साहू ने बताया कि बालवाड़ी बनाने के काम मे बी.आर.सी.सी अधिकारी द्वारा 17500 रुपए की रकम में से दस हजार पांच सौ रुपए का काम कराकर सात हजार रुपए बतौर कमीशन पेंटरो से वापस लिए जा रहे है। पेंटर ने बताया कि स्कूलो में बगैर जी.एस.टी का बिल देकर प्रधानपाठकों पर दबाव बनाया जा रहा है, जिससे प्रधानपाठको द्वारा पेंटर के खाते में 17 हजार 500 रुपए ट्रांसफर कर दिए जा रहे है। स्वयं पेंटर का कहना था कि शासन से आई राशि के मुताबिक स्कूलों में काम नहीं हो रहा, पर अधिकारी के दबाव में प्रधानपाठक बालवाड़ी के लिए आई राशि को पेंटरो के खाते में ट्रांसफर कर रहे हैं।