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जशपुर नगर

जिले में सिर्फ जशपुर और पत्थलगांव के अस्पताल में है शव वाहन की सुविधा

अव्यवस्था: पीएम के बाद लोगों को शवों को घर तक ले जाने में करना पड़ता है परेशानी का सामना

जशपुर नगरJun 09, 2019 / 12:45 pm

Murari Soni

In Jashpur and Pathalgaon hospitals in the district, there is a facili

जिले में सिर्फ जशपुर और पत्थलगांव के अस्पताल में है शव वाहन की सुविधा

जशपुरनगर. शनिवार की रात को फरसाबहार थाना क्षेत्र के ग्राम पमशाला में बस और मोटर सायकल के आमने सामने की टक्कर में ४ युवकों की हुई मौत के घटना के बाद जिले में एक बार फिर पीडि़त परिवार को जिले के बदहाल स्वास्थ्य सेवा ने परेशान किया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरसाबहार में शव वाहन न होने पर शव को पीएम के बाद किराए के वाहन से शवों को घर तक ले जाना पड़ा। शव वाहन के संबंध में जब पड़ताल की गई तो पता चला कि शव वाहन जिले में मात्र जशपुर और पत्थलगांव में ही है, जिले के अन्य विकासखंडो में शव वाहन की कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण लोगों को अस्पताल से शव को किराए के वाहनों से लेकर जाना पड़ता है।
जिले में स्वास्थ्य सेवा और अस्पतालों से मिलने वाली सुविधा जिले के सभी विकासखंड के लोगों को नहीं मिल पाता है। शासन के द्वारा पूरे प्रदेश में अस्पतालों से शव को घर तक पंहुचाने के लिए मुक्तांजलि वाहन की योजना शुरु की है। लेकिन यह योजना जिले में जशपुर जिला अस्पताल और पत्थलगांव सिविल अस्पताल में ही है। जिले के दो अस्पतालों में शव वाहन की सुविधा को छोड़ कर अन्य अस्पतालों में इसकी सुविधा नहीं है। जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिले में आए दिन सड़क दुर्घटना या फिर अन्य कारणों से किसी ना किसी के व्यक्ति के मौत का मामला प्रकाश में आता है। सड़क दुर्घटना या फिर संदिग्ध मौत के मामले में शव को पुलिस अपने कब्जे में ले लेती है और उसे अस्पतलों के म्चुर्यरी में रखवा देती है।
उसके बाद शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए और पोस्टमार्टम हो जाने के बाद लोगों को शवों को अपने घर तक ले जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों को या तो किराए के वाहनों में शव को लेकर जाना पड़ता है या फिर किराए के वाहनों में शव को लेकर जाना पड़ता है।
शुक्रवार को भी ऐसा ही मामला फरसाबहार में सामने आया है। गुरुवार की शाम को फरसाबहार के पमशाला में बस और बाईक की टक्कर में चार युवको की मौके पर ही मौत हो गई थी। चारों युवको की मौत हो जाने के बाद मौके पर पंहुची पुलिस ने सभी शव को अपने कब्जे में लेकर फरसाबहार अस्पताल में रखवा दिया था। शुक्रवार की सुबह जब शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल से ले जाने की जरुरत पड़ी तो अस्पताल में शव वाहन की व्यवस्था ही नहीं थी। जिसके बाद शवों को अस्पताल से लेकर जाने के लिए परिजनों को मजबुरी में एक किराए का पीकअप करना पड़ा।
दो अस्पतालों में ही है शव वाहन की सुविधा
जिले में जिला अस्पताल जशपुर और सिविल अस्पताल पत्थलगांव में ही मात्र शव वाहन की व्यवस्था है। जशपुर और पत्थलगांव को छोड़ कर अन्य किसी भी अस्पतालें में मुक्तांजलि वाहन मुहैया नहीं कराया गया है। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को ऐसे स्थिति में परेशानी का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी जिले के उस क्षेत्र के लोगों को होती है जिस थाना क्षेत्र या चौकी क्षेत्र में पीएम की सुविधा नहीं है और शवो को पीएम कराने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। ऐसे क्षेत्र के लोगों को सड़क दुर्घटना या फिर संदिग्ध मौत के मामले में शवो को पीएम कराने और पीएम करवा कर घर ले जाने के लिए किराए का वाहन करना पड़ता है।

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