युवक की मेहनत देखकर अब धीरे-धीरे सहयोगियों की कतार लंबी हो चुकी है। शहर के बबलू तिवारी का शौक बचपन से ही सांप पकडऩे का था, लेकिन यह शौक अब लोगो की जरूरत बन गया। बबलू का मानना है कि जंगलो मे रहने वाले सर्प को देखकर रिहायशी ईलाके के लोग बेहद डरे व चिंतित हो जाते हैं, जिससे इन्हे निजात दिलाना सर्पो को उनके घर तक एवं इंसान को डर से मुक्ति दिलाना है। बबलू तिवारी ने अब तक 100 से भी अधिक बेहद खतरनाक सांपो का रेस्क्यू कर उन्हे सुरक्षित जंगल की ओर छोड दिया है। उनका मानना है कि जंगल मे रहने वाले पशु पक्षी एवं जीव जंतु वहा के पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने मे बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बताया कि इनके द्वारा रिहायसी ईलाके से किसी भी जहरीले सर्प को पकडऩे के बाद उसे सीधे जंगल मे जाकर छोड़ा जाता है।
बीमार कोबरा की बचाई जान : सांप पकडऩे मे महारत हासिल युवक बबलू तिवारी ने मंगलवार को एक बीमार कोबरा का सफल रेस्क्यू किया। इसे पकडऩे के बाद युवक को महसूस हुआ कि सांप मे अपने नाम के अनुसार वह फुर्ती नहीं है, जिसके कारण उसे जाना जाता है। बबलू तिवारी ने तत्काल कोबरा के बच्चे को लेकर वैटनेरी डॉक्टर केके पटेल के पास ले गए, जहां डॉक्टर पटेल ने कोबरा के बच्चे का भली भांति ईलाज किया एवं उसे कुछ समय के लिए देखभाल मे रखने की सलाह दी।