scriptदो दिन पहले ओडिशा की ओर से तपकरा के गांव में घुसे हाथी के शावक की मौत | Two days ago, the death of an elephant cub that entered the village of | Patrika News
जशपुर नगर

दो दिन पहले ओडिशा की ओर से तपकरा के गांव में घुसे हाथी के शावक की मौत

प्रक्रिया : मृगखोल गांव के पास पोस्टमार्टम के बाद किया गया अंतिम संस्कार

जशपुर नगरMar 17, 2023 / 11:51 pm

SUNIL PRASAD

Two days ago, the death of an elephant cub that entered the village of Tapkara from Odisha

दो दिन पहले ओडिशा की ओर से तपकरा के गांव में घुसे हाथी के शावक की मौत

जशपुरनगर. जशपुर जिले से बड़ी खबर है। दल से बिछड़े मादा हाथी शावक की शुक्रवार को तडक़े लगभग 3 बजे मौत हो गई है। ज्ञात हो कि आज से दो दिन पहले जिले कह सीमा से लगे ओडिशा की जंगलों से अपने दल से भटक कर लगभग डेढ़ माह का मादा शावक तपकरा वन परिक्षेत्र के मृगखोल गांव में घुस आया था। गांव मे शावक को देखकर ग्रामीणो ने वन विभाग को इसकी सूचना थी, जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारी शावक के देख-रेख में लगे हुए थे। जानकारी के अनुसार मादा शावक 15 मार्च की सुबह अपने दल से बिछड़ कर मृगखोल गांव मे घुस आया था। शुक्रवार को भोर-भोर में तीन बजे मादा शावक के मौत के बाद वन विभाग ने मादा हाथी शावक की विधिवत पोस्टमार्टम कराया। पीएम कराने के बाद मादा शावक को नियम के मुताबिक मृगखोल जंगल मे ही दफना दिया गया है।
इस संबंध में क्षेत्र के ग्रामीणों और विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जशपुर जिले के आडिशा की सीमाओं से लगे तपकरा वन परिक्षेत्र में नन्हा हाथी अपने दल से भटक कर गांव में आ गया था। दल से बिछड़े मादा हाथी शावक ने वन कर्मियों की परेशानी बढ़ा दी थी। वन विभाग हाथी शावक की सतत निगरानी करने में लगा हुआ था, और उसे दल से मिलाने की तैयारी में जुटा हुआ था। दूसरी तरफ आसपास के गांवों के ग्रामीणों में हाथी के शावक को देखने की होड़ मची हुई थी। जशपुर वनमंडलाधिकारी ने हाथी शावक की रात और दिन को सतत निगरानी करने के लिए वन कर्मियों के दो अलग-अलग दल तैनात किए थे, बावजूद मादा शावक की मौत हो गई।
चोटों के जख्म से खा-पी नहीं पा रहा था शावक- जशपुर डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि 3 दिन पहले हाथी का बच्चा वन विभाग के कर्मचारियों को पानी में मिला था, उसे ऑब्जरवेशन में रखा गया था, हाथी का यह शावक बुरी तरह से जख्मी था, उसके जबड़े में इन्फेक्शन और कीड़े लगे थे, जिसकी वजह से वह खान-पान नहीं कर पा रहा था, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। वन विभाग ने ओडिशा से भटके नन्हें शावक का इलाज करवाया लेकिन गंभीर रूप से जख्मी हाथी की इलाज के दौरान मौत हो गई। वन विभाग ने मृत हाथी का अंतिम संस्कार करवा दिया है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद हाथी के मौत की असल वजह सामने आ पाएगी।
चार माह पहले भी हुई थी एक शावक की मौत – पाठकों को जानकारी के लिए बता दें कि इस घटना के 4 माह पहले भी, लगभग इन्ही परिस्थितियों में एक अन्य हाथी शावक अपने दल से बिछड़ कर तपकरा के समडमा गांव आ गया था। वन विभाग को उसे विश्राम गृह में पशुचिकित्सक की देखरेख में रखना पड़ा था, उस नन्हे शावक को भी हाथियों के दल से मिलवाने के सभी प्रयास विफल हो जाने के बाद, अंतत: तमोर पिंगला हाथी सरंक्षण गृह में भेजा गया था। लेकिन इन्हीं हालातों में जख्मी होने के कारण आखिरकार उसकी भी मौत हो गई थी।
जंगल में लगी आग बनी जानलेवा – यहां ऐसी संभावना है कि राज्य की सीमा से लगे तपकरा के जंगलों में आसपास के ग्रामीणों के द्वारा आए दिन आग लगाई जा रही है, जिसे बुझाने में वन विभाग की लापरवाही लगातार उजागर हो रही है। इस मामले में क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि तपकरा के जंगलों के किनारे पत्तों में आग के चलते अपने हाथियों के दल से यह शावक भटक गया होगा। इसी वजह से शावक तपकरा क्षेत्र के मृगखोल गांव के आसपास में विचरण कर रहा था। तपकरा वन परिक्षेत्र में दल से बिछडक़र नन्हा हाथी जशपुर के मृगखोल गांव पहुंचा था, मृगखोल गांव ओडिशा से बिलकुल लगा हुआ है। वन विभाग के द्वारा शावक कि पहरेदारी की जा रही थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, हाथी का शावक अस्वस्थ था, शरीर में कई जगह घाव थे, गुरुवार को रामकोला सेंटर के कुछ पशु चिकित्सकों को भी घायल शावक के ईलाज के लिए बुलाया गया था, लेकिन आज सुबह करीब 5 बजे शावक की मौत हो गई।

Home / Jashpur Nagar / दो दिन पहले ओडिशा की ओर से तपकरा के गांव में घुसे हाथी के शावक की मौत

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो