बता दें कि चकदौदहां गांव निवासी राज देवपाल और घरवासपुर निवासी जवाहर पाल मिलकर तेजी बाजार उमरी मार्ग के किनारे गांव स्थित भीटे पर भेड़ों के साथ रात में सोए थे। जिसमे राजदेव पाल की लगभग 100 भेड़, जवाहिर पाल की छह बकरियां और 16 भेड़, रामसमुझ पालकी बकरियां थीं।
ये सभी गहरी नींद में थे तभी वहां आधी रात को पिकअप सवार बदमाश पहुंच गए। उन्होने मवेशियों को पिकअप पर लादना शुरू कर दिया। रात में आवाज आई तो राजदेव पाल की नींद खुल गई। बदमाशों द्वारा जानवर लादता देख राज देवपाल ने विरोध किया तो बदमाशों ने उन्हे धमकाना शुरू कर दिया। उनकी दुस्साहस को देख राजदेव बदमाशों से भिड़ गए। इस पर बदमाशों के एक साथी ने इन्हें लाठी से पीटना शुरू कर दिया। वे फिर भी नहीं हटे तो एक बदमाश ने चाक़ू मार दिया जिससे वह घायल होकर बेहोश हो गये।
बगल में सो रहे जवाहर पाल की नींद खुली तो उन पर भी लाठियों से हमला कर दिया।इसके बाद बदमाश अपनी पिकअप गाड़ी में राज देवपाल की आठ भेड़, जवाहर पाल की छह बकरियां, तथा रामसमुझ पाल की तीन बकरियां लाद ले गए। बदमाशों ने एक बदमाश से दो बकरी और लाने को कहा।, लेकिन तब तक ग्रामीणों द्वारा हल्ला मचाने पर पिकअप सवार लोहिन्दा मार्ग होते हुए सवंसा खड़ंजा पकड़ कर भाग निकले। ग्रामीणों ने घायल राजदेव पाल को इलाज के लिए महाराजगंज स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया। जहां से उन्हें बेहतर उपचार हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बदलापुर रेफर कर दिया गया। मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष महाराजगंज पीड़ित से घटना की जानकारी लेकर जांच में जुट गए।