इस पर वे आग बबूला हो गए। आरोप है कि उन्होंने दुत्कार होते हुए मरीज को लेकर भाग जाने की बात कही। बेटी यासमीन ने कहा कि बीएचयू में उपचार कराने में असमर्थ हैं। यहीं उपचार करें, इस पर वे नहीं माने तो उसने सिटी मजिस्ट्रेट इंद्रभूषण वर्मा को फोन कर दिया। वे सीएमएस डा. एसके पांडेय के साथ बर्न वार्ड में पहुंचे। उन्होंने भी मरीज की बेहतरी के लिए बीएचयू ले जाने की सलाह दी। परिजन नहीं माने तो चिकित्सक को बदल कर सर्जन डा. सैफ को जिम्मेदारी सौंप दी। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि बीएचयू में बेहतर उपचार हो जाता इसलिए उसे रेफर किया जा रहा था। परिजन नहीं ले जाना चाहते तो यहीं उपचार किया जा रहा है।