लेखपाल अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से कई बार चेतावनी भी दी गई। यहां तक कि, हड़ताल को प्रतिबंधित भी करार दे दिया गया। लेकिन इसके बावजूद शनिवार को पांचवें दिन धरना जारी रहा। प्रशासन की सख्ती का असर प्रदर्शनकारियों पर कुछ भी नहीं दिखा और सभी तहसीलों में मांगों को लेकर आवाज बुलंद की गई। इससे राजस्व विभाग के कामकाज जहां प्रभावित हो रहा है।
वहीं जरूरतमंदों को तमाम प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सदर तहसील में संजय कुमार, जटाशंकर, राम प्रताप सिंह, विष्णु नारायण सिंह, लाल बहादुर सरोज, हरिकेश विश्वकर्मा, राजेश सिंह, ओम प्रकाश तिवारी, बलवंत सिंहह, बड़े लाल शर्मा, गौरव श्रीवास्तव, सेवालाल, विजय प्रकाश श्रीवास्तव आदि ने संबोधित किया।
मछलीशहर तहसील में जिलाध्यक्ष लाल चंद्र श्रीवास्तव, रमेश चंद्र तिवारी, सुरेंद्र यादव, जयचंद्र पटेल, बृजेश यादव, दुर्गेश यादव, रमेश वर्मा, सदानंद भट्ट, परमानन्द मिश्र, अजय पटेल, नीलम, डाल्सी वर्मा, लालचंद्र पांडेय, राहुल, अश्वनी, मूलचंद्र, श्रीराम आदि लेखपाल धरने पर बैठे रहे। बदलापुर में अध्यक्ष रामनारायण यादव के नेतृत्व में लेखपालों ने प्रदर्शन किया।
जनार्दन मिश्र, अजय कुमार पांडेय, शैलेंद्र मिश्र, अभिलाख यादव, रमेश कुमार, धर्मचंद्र मौर्य, सुशीला सोनी, बबिता उपाध्याय, लालचंद आदि रहे। केराकत में अध्यक्ष प्रलय कुमार यादव ने कहा कि, सरकार लेखपालों की जायज मांगों की अनदेखी कर रही है। सरकार हमारी मांगों को जब तक नहीं मानेगी तब तक लेखपाल संघ का धरना जारी रहेगा। अखिलानंद शर्मा, ज्ञान प्रकाश, चेतनारायण, सुनील दत्त त्रिपाठी, वीरेंद्र प्रताप आदि प्रमुख हैं। प्रशासन के आदेश की अवहेलना पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई की है।
लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष, सचिव और सदर, शाहगंज, केराकत, बदलापुर , मछलीशहर और मड़ियाहूं तहसील इकाई के अध्यक्षों को निलंबित कर दिया गया। लेखपाल संघ के अध्यक्ष दूधनाथ रजक ने कहा कि निलंबन संबंधी कोई सूचना नहीं मिली है। निलंबन से हमें कोई डर नहीं है। संघ अपनी मांग को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन चलता रहेगा। जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाएंगी हम पीछे नहीं हटेंगे।
input जावेद अहमद