बताया गया है कि जौनपुर के पोरई कलां ग्राम निवासी राजेश पांडे को विदेश जाना हुआ तो क्षेत्र के ही एक पिता-पुत्र के झांसे में आ गए। विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर एक लाख सत्तर हजार रुपये दोनों ने ऐंठ लिए। इसके बाद उन्हें यहां से पहले दिल्ली ले जाया गया। वहीं पर अहिरो परशुरामपुर निवासी आशीष, खेतासराय निवासी रमेश सोनी, मानीकलां निवासी अंतिम कश्यप, जीतलाल, सबरहद निवासी अर्जुन, शनि , गैरवाह निवासी हरिकेश समेत 10 से ज्यादा लोग मिले।
इन सबको कबूतरबाजों ने दुबई पहुंचा दिया। यहां उन्हें जिस शेख के पास छोड़ा उसने एक बागीचे में लगा दिया। उन्हें प्रताड़ित किया जाने लगा। सबको एक ही वक्त का खाना मिलता और जानवरों की तरह काम कराया जाता। अंतिम समय में तो एक सप्ताह तक कुछ भी खाने को नहीं दिया। सभी किसी तरह टिकट लेकर वापस अपने घर आ गए। इसकी खबर जालसाज पिता-पुत्र को लगी तो घर छोड़ कर भाग गए। फोन करने पर खुद को मुंबई में बताते हुए रूपये वापस करने की बात करते रहे। कई दिनों तक रूपये नहीं मिले तो थक हार कर राजेश पांडे ने थाने में आरोपियों के विरुद्ध तहरीर दी।