डा. गुप्ता ने बताया कि अक्टूबर व नवम्बर के लिये जीएसटी-3 बी के साथ ही जीएसटी- एएनएक्स-1 भरा जायेगा। यह व्यवस्था 5 करोड़ रूपये तक की खरीद-बिक्री करने वाले व्यापारियों के लिये की गयी है। उन्होंने बताया कि 5 करोड़ रूपये से नीचे वाले व्यवसायी के लिये त्रैमासिक रिट-1, 2 तथा रिट-3 निर्धारित किया गया है। इसके साथ त्रैमासिक जीएसटी एएनएक्स-1 तथा एएनएक्स-2 क्रमशः भी त्रैमासिक भरना होगा परन्तु टैक्स प्रत्येक माह फार्म जीएसटी, पीएनटी 08 पर जमा करना होगा। अन्त में श्री गुप्त ने बताया कि फार्मों के इस मकड़जाल में उलझकर करदाता का व्यवसायिक कार्य प्रभावित होगा।