होलिका हवन को लेकर गांव-गांव व मोहल्ले-मोहल्ले में जोरदार तैयारियों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में काफी उत्साह इस बार देखा गया। होलिका परंपरागत तरीके से जलाने को लेकर ग्रामीण काफी सतर्क रहे। गुरूवार को देर शाम मुहूर्त के अनुसार होलिका जलायी गयी। इस बार लोग प्लास्टिक आदि होलिका में डालने से बचते रहे। वहीं हरे पेड़ भी होलिकाओं में कम दिखे। बाजारों को लेकर ज्यादातर भीड़ कपड़ा, रंग, चिप्स, पापड़ आदि की दुकानों पर भीड़ रही।
बच्चे रंग-बिरंगी पिचकारियां खरीदने में मस्त थे वहीं लोग आवश्यक सामानों की बढ़-चढ़ कर खरीदादारी करने में मशगूल दिखे। विद्वान ब्राहमणों के अनुसार होलिका दहन भद्रा के विष से मुक्त निर्मल पूर्णिमा को सूर्यास्त के बाद इसी तिथि की अवधि में करना चाहिए। प्रतिपदा चतुर्दशी भ्रदा व दिन में होलिका दहन सर्वथा वर्जित है। होलिका दहन को लेकर प्रशासनिक अमला पूरी तरह से सतर्क रहा। किसी तरह का विवाद न हो इसके लिए वह होलिका के दिन अतिसंवेदनशील गांवों में पुलिस की निगरानी में हेालिका जलायी गयी।
होली में करें प्राकृतिक रंगों का प्रयोग
फूलो की होली ने एैसा रंग जमाया कि हर कोई इसमे रम गया। लायन्स लायनेस क्लब द्वारा होली मिलन समारोह ओलन्दगंज के एक होटल मंे मनाया गया। जिसमे लोगो ने एक दूसरे के साथ फूलो की होली खेलकर बधाई दी तथा लोगो को कृत्रिम रंगो के बजायफूलो से या हर्बल अबीर गुलाल से होली मनाने का संदेश दियाद्य संस्था अध्यक्ष रामकुमार साहूलायनेस अध्यक्ष गायत्री साहू ने आये हुए लोगो का स्वागत किया।
वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डा. क्षितिज शर्मा ने कहा बाजार में बिकने वाले कृत्रिम रंग सेहत के लिए काफी नुकसान दायक होते हैंद्य विशेषकर आंखों व त्वचा के लिए ये कृत्रिम रंग हानिकारक होते हैं इसलिए फूलो या प्राकृतिक रंगो से होली खेले। चार्टर सचिव अरूण त्रिपाठी ने कहा कि संथेटिक व रसायनिक रंगो से जहाँ आपको एलर्जी हो सकती हैं त्वचा खराब हो सकती हैं इसलिए हर्बल युक्त अबीर गुलाल का प्रयोग करे या फूलो से होली मनाये। संदीप पाण्डेय, डा क्षितिज शर्मा, प्रीति श्रीवास्तव, राजीव, अखिलेश श्रीवास्तव ने गीत गा कर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। संचालन शत्रुघन मौर्य व शैल मौर्य ने कियाद्य संयोजक मनोज चतुर्वेदी, अजय आनंद, रवि श्रीवास्तव, राजीव श्रीवास्तव व अरूण त्रिपाठी ने लोगो के प्रति आभार व्यक्त किया।
by Javed Ahmad
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