गांव की सुगमा (50) बीते 20 जुलाई को कहीं से मांस लेकर आई थी। उसने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पका कर दावत की। इसके बाद 22 जुलाई को परिवार के सूरज बनवासी के भी घर में मांस की दावत की। मांस खाने के बाद दोनों ही परिवारों के कई लोगों की तबीयत अचानक खराब हो गई। इनमें से किशन, ज्योति, रोहन और जिन्नी को दवा दिलाई गई तो आराम हो गया। वहीं सुगमा की तबीयत ठीक नहीं हुई तो परिवार वाले झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ गए। इससे 23 जुलाई को सुगमा की मौत हो गई।
गांव के ही ड्राइबर की बेटी 2 वर्षीय बेटी बबली की भी इलाज की जगह झाड़ फूंक शुरू हो गई। 25 जुलाई को उसकी भी मौत हो गई। अचानक दो मौत से घबराकर परिवार के लोगों ने घर छोड़ दिया। दूसरे परिवार के पिंटू की आठ वर्षीय बेटी नंदिनी की भी हालत खराब हुई तो परिवार के लोग भदोही ले गए। वहां गोपीगंज में झाड़फूंक कराने में 27 जुलाई को उसकी भी मौत हो गई। बीमार सूरज (22) भी रिश्तेदारी पिलकेथुआ गया और झाड़-फूंक के चक्कर में उसकी भी बुधवार को मौत हो गई।
4 मौत की जानकारी होने पर डीएम मनीष वर्मा ने। सहित स्वास्थ्य महकमा सकते में आ गया। पूछताछ में पता चला कि दावत खाने के बाद से ही सभी की हालत बिगड़ी। तहसीलदार अमित कुमार त्रिपाठी टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो हालात संभालने की कोशिश शुरू हुई। सीएमओ डॉ. जीएसबी लक्ष्मी ने बताया कि सभी को फूड प्वॉइजनिंग हुई थी। गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम कैंप तैनात कर दी गई है।
By Javed Ahmad