सभा अथवा जुलूस के लिए लेना होगा परमीशन लोकसभा विधानसभा चुनाव की तरह ही अब निकाय चुनाव में होने वाली छोटी बड़ी जनसभा के लिए उम्मीदवारों को किसी तरह की कोई छूट नहीं मिलेगी। उन्हें इसके लिए बाकायदा अनुमति लेनी होगी और उस पर आने वाले खर्च को भी चुनाव खर्च में शामिल करना होगा। इसमें लापरवाही की तो पुलिस और प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई सारे किए कराए पर पानी फेर देगी। इतना ही नहीं चुनाव प्रचार या सभा के दौरान यातायात प्रभावित हुआ तो भी कार्रवाई होनी तय होगी। निकाय चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने अपने दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। इस बार चुनाव में अध्यक्ष या फिर सभासद प्रत्याशी चुनाव प्रचार में सभा नहीं कर सकेंगे। बल्कि उन्हें इसके लिए बाकायदा अनुमति लेनी होगी। यह अनुमति आरओ और एआरओ के जरिये प्रशासन को देगा। यदि बिना अनुमति के जनसभा की तो प्रशासन उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई कर सकता है। चुनाव प्रचार के दौरान निकलने वाले जुलूस की भी पूर्व में अनुमति लेनी होगी। वरना उसे प्रशासन द्वारा रोक दिया जायेगा। इतना ही नहीं इस बीच किसी दूसरे प्रत्याशी के प्रचार में भी कोई बाधा न पहुंचे इसका भी
रखना होगा। इसके लिए आयोग ने गाइड लाइन तैयार कर जिला निर्वाचन अधिकारी को भेज दी है।
input- जावेद अहमद