जानकारों की मानें तो जिले में 100 से अधिक आइसक्रीम की फैक्ट्रियां चल रही है। इनमें कई तो बिना लाइसेंस की हैं। वहीं जूस और फलों की दुकानें अनगिनत हैं। इन फैक्ट्रियों और दुकानों पर जमकर सैकरीन का प्रयोग किया जाता है, जो हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक है। इतना ही नहीं जूस की दुकानों पर सामान बेचने वालों दुकानदारों को दस्ताना पहनना होता है, लेकिन कहीं भी इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है। जूस को ठंडा करने के लिए बिना पंजीकृत फैक्ट्रियों का बर्फ मिला दिया जाता है। कटे फलों को भी ढककर नहीं रखा जाता है।
आश्चर्य की बात तो यह कि इन आइसक्रीम फैक्ट्रियों और जूस की दुकानों पर खाद्य विभाग की ओर से कोई कार्रवाई ही नहीं की जा रही है। वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ का कहना है कि सैकरीन से बने बर्फ के गोले, गन्ने के जूस और लस्सी, आम के जूस और आइसक्रीम से बच्चों को कई प्रकार की गंभीर बीमारियां हो सकती है। लगातार इसके सेवन से बच्चों के जान को भी खतरा हो सकता। यदि बर्फ या आइसक्रीम को बनाने में गंदे पानी का प्रयोग किया गया तो डायरिया, पीलिया, कालरा आदि बीमारी भी हो सकती है।