दरअसल, केराकत कोतवाली अंतर्गत मल्लूपुर गांव में एक महिला अपनी बेटी और बेटे के साथ दर-दर की ठोकरें खा रही है। इसकी वजह सिर्फ इतनी है कि परिवार ने 2014 लोकसभा और 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट दिया था। आरोप है कि इसके बाद परिवार की सपा नेता संजय सरोज से दुश्मनी हो गई। आरोप है कि 28 जून को सपा नेता ने अपने गुर्गों के साथ महिला के घर धावा बोल दिया। उसे और बेटे को पीटने लगे। शोर सुन कर बेटी बाहर आई तो उसे भी नहीं बख्शा। उसकी पिटाई करते हुए गांव वालों के सामने ही उसके कपड़े फाड़ दिए गए। पूरे गांव के सामने निर्वस्त्र युवती ने किसी तरह वहां से भाग कर अपनी इज्जत बचाई। काफी देर वहां तांडव करने के बाद सपा नेता धमकी देते हुए चले गए।
दबंगों के जाने के बाद पीड़ित परिवार थाने पहुंच गया। आरोप है कि वहां कोतवाल शशिभूषण राय के पास पहले से ही आरोपी नेता बैठा था। यह देख महिला सहम गई और कोतवाल से आपबीती सुनाई, लेकिन शशिभूषण राय ने उसकी एक भी न सुनी। उसे डांट कर कोतवाली से भगा दिया गया। इसके बाद पीड़ित परिवार पुलिस अधीक्षक से मिलनेे जिला मुख्यालय पहुंच गई। वहां वे नहीं मिले तो अपर पुलिस अधीक्षक नगर अनिल कुमार पांडेय को घटना बताई। उन्होंने केराकत कोतवाल को मुकदमा लिखने का निर्देश दिया, लेकिन जब महिला कोतवाली गई तो उसका मुकदमा दर्ज करने के बजाय उसे गालियां देकर भगा दिया गया। बुधवार को फिर वो मुख्यालय पहुंची लेकिन वहां इस बार भी एसपी दिनेश पाल सिंह नहीं मिले। यहां से फिर उसे बैरंग लौटना पड़ता। गुरूवार को पहुंचने पर वहां एएसपी ग्रामीण संजय राय मिले तो उन्होंने भी मामले की गंभीरता देखते हुए कोतवाल को जांच के निर्देश दिए।