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जौनपुर

टमाटर और प्याज के दाम में बेतहासा बृद्दि ने बिगाड़ा खाने का स्वाद

थोक भाव से फुटकर बिक्री में 15 से 20 रुपये प्रति किलो की मुनाफाखोरी

जौनपुरNov 16, 2017 / 10:30 pm

Ashish Shukla

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दाम में तेजी

जौनपुर. टमाटर व प्याज के अनियंत्रित मूल्य से जनता को राहत के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही चितित हैं मगर मंडी परिषद के अधिकारियों पर कोई असर नहीं। 80 रुपये किलो टमाटर व 40 रुपये किलो प्याज फुटकर में बिक रहा है। पिछले एक माह में प्याज के दाम 15 रुपये व टमाटर के 30 रुपये प्रति किलो तक बढ़े हैं। टमाटर व प्याज मौजूदा समय जिले में पैदा नहीं हो रहा। बाहर से ही आता है।
थोक भाव से फुटकर बिक्री में 15 से 20 रुपये प्रति किलो की मुनाफाखोरी होती है। गृहणी रंजना देवी का कहना है कि थोक व फुटकर विक्री के मध्य मुनाफाखोरी पर नियंत्रण कर दिया जाए तो महंगाई का बोझ कम हो सकता है। फल एवं सब्जी व्यापारियों के नेता ताजबाबा राइन का कहना है कि टमाटर व प्याज महाराष्ट्र के नासिक से आता है। वहां पिछले माह बारिश के कारण आवक कम हुई है।
अगले माह नया प्याज आ जाएगा तब सस्ता होगा। कच्चा माल होने के कारण टमाटर व प्याज की जमाखोरी नहीं की जा सकती। इस संबंध में नवीन मंडी परिषद के सचिव से बात की गई तो उन्होंने मुख्यमंत्री के निर्देश की जानकारी होने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि टमाटर व प्याज की जमाखोरी रोकने के लिए डीएम के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी।
सहकारी समितियां निष्क्रिय

वहीं दूसरी तरफ जिले की सहकारी समितियों की बात करें तो जिले के दर्जनों न्याय पंचायतों में स्थित साधन सहकारी समितियों के निष्क्रिय हो जाने के चलते क्षेत्र के किसानों को प्राइवेट दुकानों से खाद-बीज खरीदना पड़ रहा है। इससे उनका जमकर शोषण हो रहा है। सरकार के लाखों करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी साधन सहकारी समितियों पर खाद-बीज की उपलब्धता शून्य के बराबर है। ऐसे में खेती के इस सीजन में किसानों को कठिनाई हो रही है। प्राइवेट दुकानदारों के यहां से ऊंचे दामों पर खाद-बीज खरीद कर खेतों की बोआई करने से क्षेत्र के किसानों में आक्रोश व्याप्त है। उनका कहना है कि सरकार ने न्याय पंचायत स्तर पर साधन सहकारी समितियों को अनुदान देकर संचालित करने की योजना बनाई लेकिन वहां तैनात कर्मचारियों की लापरवाही के कारण यह साधन सहकारी समितियां महज शो पीस बनकर रह गई हैं। क्षेत्रीय लोगों ने साधन सहकारी समितियों की सक्रियता तथा उनमें खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता के साथ ही लापरवाह लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की है।

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