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झाबुआ

47 करोड़ 56 लाख से बने बैराज से अब पानी की उम्मीद

ग्राउंड लेवल पर इसकी लंबाई 126 मीटर और टॉप लेवल पर लंबाई 301 मीटर है, बैराज की क्षमता 113 एमसीएफटी है

झाबुआJun 02, 2020 / 09:34 pm

kashiram jatav

47 करोड़ 56 लाख से बने बैराज से अब पानी की उम्मीद

47 करोड़ 56 लाख से बने बैराज से अब पानी की उम्मीद

झाबुआ. ग्राम बामन सेमलिया में बैराज का निर्माण करीब-करीब पूरा हो चुका है। शहर की बढ़ती आबादी के साथ ही नई पेयजल योजना की मांग लंबे समय से की जा रही थी।
शासन ने अप्रैल 2013 में इसके लिए मंजूरी दे दी, लेकिन कहीं तकनीकी दिक्कत तो कहीं कुछ व्यावहारिक समस्याओं के चलते समय पर इसका काम शुरू नहीं हो सका। इससे लागत बढक़र 47 करोड़ 56 लाख 87 हजार पर आ पहुंची। वर्तमान में योजना का लगभग काम निपट चुका है।
ये सब काम हो चुके हैं
ग्राम बामन सेमलिया में बैराज का निर्माण करीब-करीब पूरा हो चुका है। ग्राउंड लेवल पर इसकी लंबाई 126 मीटर और टॉप लेवल पर लंबाई301 मीटर है। बैराज की क्षमता 113 एमसीएफटी है। यहां 8 रेडियल गेट लगाए गए हैं। प्रत्येक गेट 7.5 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा है। योजना के तहत हनुमान टेकरी के पास 500 किलोलीटर और रामकृष्ण नगर में 400 किलोलीटर की दो टंकियां बनाई गई है। 5 किमी लंबी मेन पाइप लाइन बिछाई जा चुकी है।
ये हैं शहर की वर्तमान योजना
श हर की जलप्रदाय योजना वर्ष 1971 में 6 हजार की आबादी के मान से बनी थी। वर्तमान में जनसंख्या 40 हजार तक जा पहुंची है। पेयजल प्रदाय का जिम्मा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग संभाल रहा है।
एक महीने ही हो पाता है संचालन
ज नसंख्या के मान से मात्र 30 दिन की पेयजल व्यवस्था संचालित हो पाती है। इसके बाद अन्य दिनों में पेयजल के लिए रॉ वाटर अनास बैराज के अपस्ट्र्रीम में 16 किमी दूर स्थित जल संसाधन विभाग के गुलाबपुरा तालाब और 23 किमी दूर पारा क्षेत्र के धमोई तालाब से पानी लाना पड़ता है।
दिक्कतें जिनसे जूझना पड़ता है
गर्मी के दिनों में राणापुर क्षेत्र के गुलाबपुरा और पारा क्षेत्र के धमोई तालाब से अनास बैराज तक पानी लाया जाता है। करीब 40 फीसदी पानी विभिन्न कारणों से लॉस हो जाता है।
दिक्कतें ये भी
पंप हाउस को नियमित बिजली आपूर्ति नहीं होती।
वॉल्टेज 380 से कम या 480 से अधिक होने पर मोटर पंप चलाने में परेशानी आती है।
रॉ वाटर पंप हाउस और क्लीयर वाटर पंप हाउस पर स्थापित मोटर के लगातार 22-24 घंटे तक चलते रहने से मोटर व स्टार्टर के संधारण कार्य पर असर होता है।
नगर की चार टंकियों को भरने के लिए मात्र एक राइजिंग मेन पाइप लाइन है।

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