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झाबुआ

26 साल बाद विधानसभा लड़ रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री के खिलाफ भाजपा का दांव, जिसे टिकट दिया उसके पिता थे कांग्रेसी

लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस के लिए यह प्रतिष्ठा की सीट है।

झाबुआSep 29, 2019 / 03:12 pm

Pawan Tiwari

26 साल बाद विधानसभा लड़ रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री के खिलाफ भाजपा का दांव, जिसे टिकट दिया उसके पिता थे कांग्रेसी

26 साल बाद विधानसभा लड़ रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री के खिलाफ भाजपा का दांव, जिसे टिकट दिया उसके पिता थे कांग्रेसी

भोपाल/झाबुआ. मध्यप्रदेश के झाबुआ सीट से बीजेपी ने भानु भूरिया को उम्मीदवार बनाया है। यह सीट पहले भी बीजेपी के कब्जे में थी। 2018 में इस सीट पर भाजपा के जीएस डामोर विधायक बने थे। भानू भूरिया का मुकाबला कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया से होगा। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कमलनाथ की सरकार के लिए यह प्रतिष्ठा की सीट है। चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले सीएम कमलनाथ ने झाबुआ जाकर वहां के लोगों को कई तोहफे दिए थे। वहीं, भाजपा ने कांतिलाल भूरिया के भानू भूरिया को टिकट देकर मुकाबला रोचक कर दिया है।
26 साल बाद विधानसभा लड़ रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री के खिलाफ भाजपा का दांव, जिसे टिकट दिया उसके पिता थे कांग्रेसी
कौन हैं भानु भूरिया
भानु भूरिया युवा मोर्चे के जिलाध्यक्ष हैं और रानापुर जनपद क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ है। भानू भूरिया के पिता बालु भूरिया कई वर्षों तक कांग्रेस में रहे इसलिए भानु भूरिया कांग्रेस नेताओं से भी अच्छे रिश्ते हैं। भानू भूरिया दिवंगत सांसद दिलीप सिंह भूरिया के रिश्तेदार भी हैं। भाजपा ने कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया के सामने एक युवा चेहरे पर दांव लगाया है। भानू भूरिया ने 2018 के चुनाव में भी अपनी दावेदारी पेश की थी लेकिन भाजपा ने जीएस डामोर को टिकट दिया था। भानू भूरिया 2008 में निर्दलीय विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं।
जेवियर मेड़ा ने लगाए थे आरोप
जेवियर मेड़ा ने विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया पर आरोप लगाते हुए कहा था कि 2008 में जब मैं पहला चुनाव लड़ रहा था तो कांतिलाल भूरिया ने भानू भूरिया को चुनाव में खड़ा करवाया था।
https://twitter.com/ANI/status/1178232366432583681?ref_src=twsrc%5Etfw

इन नामों पर भी हुई थी चर्चा
बीजेपी के लिए भी यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल है। उम्मीदवार चयन को लेकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और संगठन महामंत्री सुहास भगत में चर्चा हुई थी। उसके बाद तीन नामों पर मुहर लगा केंद्रीय नेतृत्व के पास भेज दिया था। जिसमें भानु भूरिया, शांतिलाल बिलावल और गोविंद अजनार का नाम था। लेकिन फाइनल मुहर भानु भूरिया के नाम पर लगी।
क्यों हो रहा है उपचुनाव
झाबुआ विधानसभा सीट भाजपा विधायक जीएस डामोर के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद जीएस डामोर ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
ये है चुनाव का पूरा कार्यक्रम
23 सितंबर से नाम निर्देशन की पत्र भरे जाएंगे। 30 तारीख को नामांकन जमा करने की अंतिम तारीख 1 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 3 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 21 अक्टूबर को मतदान होगा। 24 अक्टूबर को परिणाम घोषित होंगे।

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