घर से गहरी चोट की वजह से रेमसिंह को अस्पताल ले जाने कहा, लेकिन रेमसिंह ने मना किया। तब पत्नी ने बोरी से दवा लाकर दी। सुबह 8 बजे लगभग रेमसिंह ने अपने पत्नी को छांछ लेने के लिए दूसरे घर भेजा। जब वह वापस आई तो देखा रेमसिंह फांसी पर लटक रहा था। उसने फंदा काट दिया। रेमसिंह बच गया। पत्नी ने सबको बुलाकर उसे अस्पताल बोरी ले गए। जहंा से उसे रैफर कर दिया। इसके बाद उसे दाहोद ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान 16 जनवरी की रात में रेमसिंह की गंभीर चोट की वजह से मृत्यु हो गई। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर 17 जनवरी को दोपहर में बड़ी संख्या में लोग थाने बोरी पर पहुंचे। लोगों ने कहा कि आरोपी कमलेश प्रजापति और परिजन के ऊपर मामला दर्ज के साथ पुलिस थाना प्रभारी बोरी सहित जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए। परिजन ने बताया कि रेमसिंह कमलेश का ट्रैक्टर चलाता था। 12 जनवरी को रेमङ्क्षसह ने जोबट में एक बोलेरो को टक्कर मार दी थी। इससे कमलेश उसका अपहरण कर ले गया था।
आरोपी के घर पर शव जलाने पर अड़े-
थोड़ी देर बाद शव को बोरी लाया गया, जिसे लेकर परिजन सहित बड़ी संख्या में लोग आरोपी कमलेश के घर पहुंच गए। वहीं जलाने की जिद करने लगे और कमलेश और परिजन पर तत्काल कार्रवाई की जिद लेकर अड़े रहे। इसको लेकर 2-3 घंटे तक जिला प्रशासन की तरफ से एसडीएम अखिलेश राठौर ने सहायता राशि 10000 रुपए देने की बात कही। तहसीलदार वन्दना किराड़े, एसडीओपी आरसी भाकर सहित काफी संख्या में पुलिस दल भीड़ को समझाने का प्रयास करते रहे, पर विवाद बढ़ता गया।
बोरी क्षेत्र में नहीं रहने देंगे-
तनातनी बढऩे लगी तब एसडीएम और एसडीओपी आए। उन्होंने भी समझाइश दी, लेकिन परिजन ने साफ -साफ मना कर दिया। आरोपी को कड़ी सजा देने की बात पर अड़े रहे। शुक्ररवार देर रात समाजनों ने परिजन को कार्रवाई होने तक साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया। 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर कमलेश और परिजनों को बोरी क्षेत्र में नहीं रहने देने की बात कही।
दो दिन के अंदर आरोपी की गिरफ्तारी होगी-
एसडीएम अखिलेश राठौर, एसडीओपी आरसी भाकर ने 2 दिन के अंदर आरोपी की गिरफ्तारी कर कार्रवाई करने की बात कही। आरोपी पर 302 के तहत मामला दर्ज किया गया। तब जाकर शव उठाकर परिजन ले गए।