इमरजेंसी सेवाएं रहीं चालू
बंद के दौरान इमरजेंसी सेवा मेडीकल, पेट्रोल पंप, सब्जी, फलों की दुकानों एवं सांची पार्लर आदि खुले रहे। जहां लोगों ने पहुंचकर अपनी रोजर्मरा का सामान खरीदा। इसके साथ ही सुबह के दौर में गली-मोहल्लों एवं कॉलोनियों में स्थित दुकानों पर बंद का असर नहीं दिखते हुए व्यापारियों ने गली-मौहल्लों में दुकाने खुली रखते हुंए अपना व्यापार प्रतिदिन की तरह संचालित किया।
थांदला में मौन रैली निकाली, प्रमुख चौराहे पर काले झंडे लगाकर प्रदर्शन
थांदला में शांतिपूर्ण बंद रहा। नगर के समस्त व्यापारी व नगरवासियों ने दलगत राजनीती की परे रखते हुए बंद को समर्थन दिया व रैली में शामिल होकर आवेदन सौंपा। व्यापारियों ने बिना किसी दबाव के अपने व्यवसाय बंद रखे। सवर्ण समाज के व्यापारियों ने शांतिपूर्ण बंद रखते हुए अपना विरोध प्रकट करने के लिए नगर के प्रमुख चौराहे पर काले झंडे लगाकर मौन प्रदर्शन किया। तत्पश्चात समस्त व्यापारी एवं युवा अपने वाहनों से बंद को प्रभावी बनाने के लिए नगर में निकले। जिन व्यापारियों की दुकाने खुली थीं। उन्हें गुलाब का फूल भेंट कर बंद का समर्थन करने का निवेदन किया। दोपहर 3 बजे समस्त व्यापारी एवं सवर्ण जन आजाद चौक पर पंहुचे और रैली में शामिल हुए। सैकड़ों की संख्या में व्यापारी, सामान्य वर्ग एवं पिछड़ा वर्ग के नगरवासी रैली के रूप में तहसील कार्यालय पंहुच कर आवेदन सौंपा। आवेदन में एससीएसटी एक्ट में बिना जांच गिरफ्तारी न किये जाने को लेकर व एक देश एक कानून व आरक्षण को समाप्त करने की मांग को लेकर राश्ट्रपति के नाम आवेदन अनुविभागीय अधिकारी अनिल भाणे एवं एसडीओपी एमएस गवली को सौंपा।
पेटलावद में दुकानें सुबह से ही बंद रही। बंद को लेकर किसी प्रकार की कोई जोर जबरदस्ती या किसी भी संगठन द्वारा कोई रैली नहीं निकाली। व्यापारियों ने अपनी स्वैच्छा से बंद कर भारत बंद को अपना पूरा पूरा समर्थन दिया। सारंगी से छोटे-मोटे विवाद की सूचना मिली थी।मौके पर प्रशासन की टीम पहुंची। दोनों पक्षों को समझाकर आपसी सामंजस्य बनाया. जिसके बाद विवाद शांत हुआ। इस संबंध में विवाद को निपटाने के लिए एसडीएम हर्षल पंचोली व एसडीओपी स्टेला सुलिया ने दोनों पक्षों को समझाईश देकर दोपहर 2 बजे तक बंद रखने और उसके बाद दुकाने खोलने की समझाइश दी। व्यापारी संगठन ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन एसडीएम को सौंपा।