मृतक के भाई रुमाल ने बताया कि घटना के बाद से ही पुलिस हमारी रिपोर्ट नहीं लिख रही है। पुलिस इसे हत्या नहीं मान रही। जबकि मेरे भाई को दल्ला पिता तूफान को कुल्हाड़ी से बदिया को मारा। दल्ला ने उल्टी कुल्हाड़ी से बदिया के गर्दन पर 5 वार किए। इससे घटनास्थल पर ही बदिया की मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस को फोन लगाया। पुलिस 2 घंटे तक नहीं आई। एंबुलेंस को फोन लगाया, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। मृतक के भाई ने पुलिस पर घटनास्थल से साक्ष्य छुपाने का भी आरोप लगाया।
शादी में आर्थिक मदद के लिए 7 साल पहले बदिया पिता गना कतीजा ने तूफान पिता कमला को 30 हजार रुपए दिए थे। जो तूफान ने नहीं लौटाए। जिस पर पंचायत द्वारा बुलाकर दोनों पक्षों में तोड़ करवाने का प्रयास तड़वी हालसिंह ने किया था। तूफान द्वारा पैसा नहीं दिए जाने से उसकी आधा बीघा जमीन पर बदिया ने अतिक्रमण कर लिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने भी बदिया के पिता गना के पक्ष में फैसला सुनाया। तूफान ने अपनी जमीन लेने के लिए पंचायत से फिर दरखास्त की पंचायत ने भी कोर्ट का फैसला सर्वमान्य करते हुए तूफान को पैसे के बदले जमीन देने का निर्णय किया। मृतक के परिजन ने बताया कि 7 दिन पहले भी झगड़े के मामले में 7 लोगों पर केस् दर्ज कराने के लिए पुलिस को आवेदन दिया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाही नहीं की और आज भी हत्या के आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है।
गांव की पंचायत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सोमवार और फिर शुक्रवार को दो बार पंचायत बुलाई पंचायत में फैसला हुआ कि तूफान को जमीन बदिया के नाम करनी होगी, लेकिन तूफ़ान पंचायत और कोर्ट दोनों के फैसले मानने से इनकार करता रहा। और गांव वालों को अपनी राजनीतिक पेठ दिखाता रहा। प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार शनिवार शाम 7: 30 बजे तूफान पिता कमला, दल्ला पिता तूफान, गुमजी पिता राजिया, नाना पिता राजिया, मल्ला भुंदु पिता रतना, शैतान पिता कमला ने बदिया के साथ मारपीट की। दिल्ला ने उल्टी कुल्हाड़ी से बदिया को गर्दन पर वार किया। अपने भाई पर वार होता देख रूमाल बीच बचाव करने आया। तूफान तलवार लेकर रुमाल के पीछे दौड़ा। इससे रुमाल को खुद की जान बचाने के लिए गांव की सीमा से बाहर भागना पड़ा ।
“शव पर चोट के कोई निशान नहीं हैं। कानून अपने दायरे में रहकर काम कर सकता है। मौत के आरोपितों के सजा के लिए पर्याप्त साक्ष्य की जरूरत होती है। जांच के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा। हत्या की बात सामने आई तो आरोपित को सजा दिलवाएंगे। कानून सबके लिए एक है। पक्षपात जैसा कोई मामला नहीं।”
-गीता सोलंकी, कल्याणपुरा टीआई