पानी की तलाश में आए मवेशियों के लिए नदी के बड़े-बड़े गड्ढे जान लेवा साबित हो रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर गांव वालों ने बताया रोजाना अनगिनत ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरकर नदी के पत्थरों को निर्माण कार्यों में उपयोग करने के लिए ले जाया जा रहा है। कुछ लोग इससे निर्माण कार्य कर रहे हैं तो कुछ लोग इसे ठेकेदारों को बेच रहे हैं। इस संबंध में खनिज निरीक्षक शंकर सिंह कनेश का कहना है कि अवैध खनन पर कार्रवाई की जाएगी।
पिपलिया और धर्मपुरी के बीच अनास नदी पर जगह जगह से खनन किया जा रहा है। दिनभर अलग-अलग स्थानों पर नदी के पत्थरों को इक_ा किया जा रहा है। नदी एवं पहाड़ खोदने का सिलसिला सालों से यूंही चल रहा है। समय पर इसकी शिकायत भी कि जाती है, लेकिन जिम्मेदारों पर कोई असर नहीं। नदियों में लगातार हो रहे खनन से बड़े-बड़े गढडे बन चुके हैं।