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झाबुआ

गेहूं समर्थन मूल्य से कम, चना तो बेचे बिना लौटा किसान

ढाई सौ रुपए कम में बेचने पड़े गेहूं, चने की खरीदी नहीं होने से आने-जाने का भाड़ा लगा सो अलग

झाबुआApr 16, 2018 / 06:31 pm

अर्जुन रिछारिया

indian farmer news in hindi
झाबुआ. रविवार हाट होने पर कृषि उपज मंडी में अनाज बेचने सैकड़ों किसान आए। मंडी में गेंहू बेचने आए किसानों को साढ़े पंद्रह सौ रुपये प्रति क्विंटल के भाव से गेंहू बेचना पड़े। जबकि 1735 रुपए सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया है।
गेहूं की फसल पर कृषि संवर्धन मूल्य 265 रुपए किसानों के खातों में सीधा जमा किया जा रहा है। इसके बाद भी बड़ी मात्रा में किसानों के मंडी के बाहर और मंडी में भी व्यापारियों को समर्थन मूल्य से कम भाव मे फसल विक्रय करने की मजबूरी किसान हित में किये जा रहे सरकारी प्रयासों की पोल खोल रही है।
कृषि उपज मंडी में किसानों से साथ भाव का इतना बड़ा फर्क भी कई सवाल उठाता है। किसान रामजी भाई फुलधावड़ी ने बताया कि हाट के लिए पैसा नकद चाहिए।

एक क्विंटल के 1570 रुपए भाव में अनाज मंडी में एक व्यापारी को बेच दिया। कई छोटे किसान एक क्विंटल से कम अनाज लाने वाले किसान भावांतर में अपनी फसल नहीं बेच सकते।
समाज में हुई शादियों में पैसा खर्च हो गया। अब खाते में जमा पैसों के झंझट से बचने के लिए कम भाव में फसल बेच रहे हैं।

रविवार को भी क्षेत्र के अनेक किसान आसानी से फसल बेचकर पैसा लेकर जा रहे थे। व्यापारियों द्वारा कपास की आसान खरीद के कारण किसानों ने मंडी में कपास की फसल भी बेची।
भावांतर योजना में मंडी ने चने की फसल की खरीदी शुरू नहीं की। इस कारण रविवार चने की फसल बेचने आए किसानों को मंडी प्रबंधन की उदासीनता के चलते अनाज बेचने से वंचित होना पड़ा।
चना बेचने आए रेहंदा के किसान रणसिंह पिता लक्ष्मण सिंह वसुनिया और पिडू वसुनिया ने बताया चने की खरीदी अन्य स्थानों पर शुरू हो चुकी है। इसलिए दोनों के मिलाकर 10 क्विंटल चने को मंडी तक लेकर आए।
यहां पहुंचने के लिए हजार रुपए भाड़ा चुकाने के बाद मंडी प्रशासन ने झाबुआ मंडी में भावांतर योजना में चना खरीदने की शुरुआत नहीं होने की जानकारी दी।

2 घंटे से अधिक देर तक चने की फसल बेचने की कोशिश की, लेकिन कोई व्यापारी चने खरीदने तैयार नहीं था। घर ले जाने के लिए दूसरा वाहन 15 सौ रुपए भाड़ा मांग रहा है। मजबूरन मंडी प्रशासन ने कार्यालय में दोनों के गेंहू एकसाथ रखकर कुछ दिन बाद बुलाया है।
फसल को चिह्नित कर मंडी परिसर में रखा
चने की खरीदी शुरू हो गई है। सभी सोसाइटी ने रविवार अवकाश रखा था। दोनों किसान पंजीकृत हैं। इसलिए दोनों को एसएमएस प्राप्त होगा। इसके बाद ही फसल खरीदी- बेची जाएगी। फसल को चिह्ह्निन्हत कर मंडी परिसर में सुरक्षित रखवाया है।
लक्ष्मणसिंह टाकुर, मंडी सचिव
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