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झाबुआ में आदिवासियों को तोहफा, कमलनाथ के कार्यक्रम में नहीं दिखे मंत्री उमंग सिंघार

क्यों सीएम कमलनाथ के कार्यक्रम से दूर रहे मंत्री उमंग सिंघार

झाबुआSep 11, 2019 / 02:43 pm

Muneshwar Kumar

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झाबुआ/ आदिवासियों को कमलनाथ की सरकार ने झाबुआ में बड़ा तोहफा दिया है। वहां के शहरी आवासहीनों को आवास उपलब्ध कराने की महत्वकांक्षी योजना मुख्यमंत्री आवास मिशन की शुरुआत की। इस दौरान नगर विकास मंत्री जयवर्धन सिंह भी रहे है। सीएम भी आदिवासियों के पारंपरिक जैकेट पहने नजर आए। लेकिन एक बात जो सबको खटक रही है कि मंत्री उमंग सिंघार क्यों नहीं दिखे।
दरअसल, अगले कुछ महीनों झाबुआ में उपचुनाव होने हैं। यह इलाका आदिवासी बहुल है। बीजेपी भी अपनी पूरी ताकत झोंकी हुई है। वहीं, सीएम के इस तोहफे को भी उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। लेकिन समाज के बड़े नेता और सरकार में वन मंत्री उमंग सिंघार इस कार्यक्रम में मौजूद नहीं हैं। न ही उनकी कही कोई पोस्टर है। सिंघार की पहचान प्रदेश की राजनीति में बड़े आदिवासी चेहरे के रूप में है।
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खड़े हो रहे कई सवाल
वनमंत्री उमंग सिंघार हाल के दिनों में दिग्विजय सिंह के साथ विवाद की वजह से सुर्खियों में हैं। सिंघार ने दिग्विजय के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है। उमंग सिंघार को सीएम कमलनाथ ने बुलाकर समझाइश दी थी। झाबुआ के कार्यक्रम में सिंघार की गैरमौजूदगी की पर सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या सिंघार को वहां पहुंचने के लिए सरकार ने न्यौता नहीं दिया या फिर सिंघार न्यौता मिलने के बाद पहुंचे नहीं। लेकिन मंच पर या पोस्टर में कहीं भी सिंघार के लिए कोई जगह नहीं थी, इसलिए ये कहा जा रहा है कि शायद उन्हें बुलाया नहीं गया।
क्या बच रहे हैं सीएम
दरअसल, उमंग सिंघार इन दिनों विवादों में हैं। विवाद में सिंघार का नाम जब से सामने आया है, सीएम कमलनाथ के साथ वह किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में नहीं दिखे हैं। हां बंद कमरे में एक बार जरूर दोनों की मुलाकात हुई है। तो क्या सीएम कमलनाथ खुद चाहते हैं कि विवाद शांत होने तक सिंघार से दूर ही रहें। या फिर सिंघार से नाराजगी है कि समझाइश के बाद भी वो दिग्विजय पर हमलवार रहे। लेकिन आदिवासी इलाके में कार्यक्रम है और आदिवासी समाज का बड़ा नेता ही गायब है।

दिग्विजय सिंह से है सिंघार का विवाद
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने प्रदेश के सभी मंत्रियों को एक चिट्ठी लिखी थी और उनके सिफारिशों पर क्या काम हुआ, उसके बारे में मिलकर जानकारी देने को कहा था। इसी के बाद मंत्री उमंग सिंघार ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सिंघार ने कहा दिया कि दिग्विजय सिंह पर्दे के पीछे से सरकार चला रहे हैं। इससे भी नहीं रुके तो सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर शिकायत की। बाद में सिंघार ने दिग्विजय सिंह को ब्लैकमेलर तक कह दिया।
कमलनाथ ने सोनिया गांधी तक पहुंचाई रिपोर्ट
वहीं, दिग्विजय सिंह और उमंग सिंघार विवाद की पूरी रिपोर्ट सीएम कमलनाथ ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपी। रिपोर्ट सौंपने के बाद सीएम ने कहा था कि इस पूरे मामले को अनुशासन समिति देखेगी। अनुशासन समिति के अध्यक्ष एके एंटोनी सभी लोगों से बात करेंगे। जिन्हें भी परेशानी है वो पार्टी फोरम में अपनी बात रखें।

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