ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नहीं आते हैं, जिसके चलते जान बचाने के लिए अप्रशिक्षत डॉक्टरों के पास जाना पड़ता है। वे इलाज के नाम पर ग्रामीणों से लूट-घसोड़ करते हैं। जिले में लगातार संक्रमण बढ़ रहा है, करीब एक हजार एक्टिव केस अभी भी जिले में पिछले एक सप्ताह से प्रतिनि 200 से अधिक संक्रमित मिल रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांवों से नदारद हैं। संक्रमण के चलते जिले में 35 लोगों की मौत हो चुकी है, इसके अलावा कई लोग बिना जांच और इलाज के अभाव में जान गवां चुके हैं।
कई उपस्वाथ केन्द्रों पर ताले
जिले भर में कई उपस्वाथ केन्द्र बंद पड़े हैं। यहां न तो नर्सिंग स्टाफ है और न ही सुविधाएं। उप स्वास्थ्य केंद्र दौलतपुरा विकासखंड थांदला , उप स्वास्थ्य केंद्र सागवा विकासखंड थांदला, उप स्वास्थ्य केंद्र खच्चर टोड़ी विकासखंड मेघनगर, उप स्वास्थ्य केंद्र कलमोड़ा में जड़े ताले नहीं खुल रहे। यहां के रहवासी स्वास्थ्य लाभ लेने झोलाछाप डॉक्टर के भरोसे हैं। ये डॉक्टर अपने घर के बाहर खुले आसमान में लकड़ी की बल्लियों पर तार या धागा बांधकर बोतल चढ़ा रहे हैं। घर के एक तरफ दीवार की छांव में, जमीन पर खुले आसमान के नीचे लेटा कर इलाज कर रहे हैं। मरीजों के बीच में ज्यादा दूरी भी नहीं है।
– 11 अप्रैल से किल कोरोना अभियान चल रहा है। स्वास्थ्य कर्मीआशा कार्यकर्ता सर्वे में लगे है। अलग -अलग दल बने हैं, स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी वहां लगाई है।
जेएस ठाकुर, सीएमएचओ