scriptजिले में दो वर्ष में मलेरिया में 90 प्रतिशत की कमी आई, पिछले माह सिर्फ चार मरीज पॉजिटिव मिले | Malaria declined by 90 percent in two years, only four patients recei | Patrika News
झाबुआ

जिले में दो वर्ष में मलेरिया में 90 प्रतिशत की कमी आई, पिछले माह सिर्फ चार मरीज पॉजिटिव मिले

विश्व मच्छर दिवस पर विशेष : हर साल दुनियाभर में 10 लाख से ज्यादा लोग मच्छरों के काटने से मरते हैं

झाबुआAug 20, 2019 / 12:47 am

अर्जुन रिछारिया

jj

जिले में दो वर्ष में मलेरिया में 90 प्रतिशत की कमी आई, पिछले माह सिर्फ चार मरीज पॉजिटिव मिले

झाबुआ. दुर्घटना की तुलना से कई गुना ज्यादा मनुष्यों की मौत मच्छरों से होने वाली बीमारियों के कारण होती है। मच्छर दुनिया के सबसे घातक जीवों में से एक है। इंसानों में बीमारियों को ले जाने और फैलाने की उनकी क्षमता हर साल लाखों लोगों की मौत का कारण बनती है। 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस है।
हर साल दुनियाभर में 10 लाख से ज्यादा लोग मच्छरों के काटने से मर जाते हैं। मच्छरों से होने वाले रोगों के मामले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस बार मेघनगर , रामा , राणापुर एवं कल्याणपुरा सबसे ज्यादा हाई रिस्क क्षेत्र घोषित किए गए थे। जगह-जगह स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कार्यकर्ताओं ने रैपिड डायग्नोस्टिक किट से गांव में बीमार व्यक्तियों के परीक्षण किए एवं पॉजिटिव पाए जाने पर लोगों को दवाएं वितरित की गई। इससे पिछले 2 वर्षों की तुलना में मलेरिया में 90 प्रतिशत की कमी आई। पिछले माह मलेरिया के सिर्फ चार मरीजों को पॉजिटिव पाया एवं उनका इलाज किया गया। अलग-अलग मच्छर अलग-अलग बीमारियों के वाहक होते हैं एडीस, एनोफि लीस, क्यूलेक्स मच्छर मनुष्य या जानवरों से संक्रामक रोगों को फैलाने का काम करते हैं। मच्छरों से होने वाले रोग हैं चिकनगुनिया , डेंगू , रिफ्टवैली , जिका , लसीका फाइलेरिया मलेरिया जापानी इंसेफेलाइटिस आदि है।
मादा मच्छर ही मनुष्य या जानवर का खून चूसती है
मादा मच्छर मनुष्य या जानवर का खून चूसती है, जबकि पुरुष मच्छर फूलों के पराग या अन्य चीनी की पूर्ति करने वाले पदार्थों को भोजन बनाते हैं। मच्छरों से होने वाली बीमारियों को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। इसमें जल जमाव को रोकना, तालाबों में मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए गम्बूजिया मछली पालना। रसायनिक दवाओं का छिड़काव करना। मच्छरदानी बांटना, हाई रिस्क एरिया में रोग की रोकथाम करना आदि शामिल है।
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर जरूरी है परहेज
व्य क्तिगत सुरक्षा उपाय से ही हम मच्छरों द्वारा फैलाए जा रहे जानलेवा रोगों से परिवार की रक्षा कर सकते हैं। शरीर पर मच्छरों से बचाव करने वाली क्रीम का इस्तेमाल करना। खिड़की दरवाजों पर जालियां लगाना। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना। अधिकतर हल्के रंग के एवं शरीर को पूरा ढकने वाले कपड़े पहनना। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर जरूरी परहेज करना आदि सबसे महत्वपूर्ण है।
हर दूसरा व्यक्ति मलेरिया से प्रभावित
&रासायनिक दवाओं का छिड़काव, मच्छरदानी बांटना व बरसाती पानी को जमा होने रोकना जैसे काम हाईरिस्क एरिया में लगातार किए गए , जिससे पिछले तीन वर्षों की तुलना में मलेरिया के मामले में 90 प्रतिशत का सुधार दिखाई दिया। तीन साल पहले जिले में रक्त परीक्षण के लिए पहुंचा हर दूसरा व्यक्ति मलेरिया से प्रभावित होता था। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के असर के साथ स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कार्यकर्ताओं ने मलेरिया नियंत्रण के लिए सराहनीय कार्य किया।
डीएस सिसोदिया, जिला मलेरिया नियंत्रण अधिकारी

Home / Jhabua / जिले में दो वर्ष में मलेरिया में 90 प्रतिशत की कमी आई, पिछले माह सिर्फ चार मरीज पॉजिटिव मिले

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो