मादा मच्छर ही मनुष्य या जानवर का खून चूसती है
मादा मच्छर मनुष्य या जानवर का खून चूसती है, जबकि पुरुष मच्छर फूलों के पराग या अन्य चीनी की पूर्ति करने वाले पदार्थों को भोजन बनाते हैं। मच्छरों से होने वाली बीमारियों को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। इसमें जल जमाव को रोकना, तालाबों में मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए गम्बूजिया मछली पालना। रसायनिक दवाओं का छिड़काव करना। मच्छरदानी बांटना, हाई रिस्क एरिया में रोग की रोकथाम करना आदि शामिल है।
व्य क्तिगत सुरक्षा उपाय से ही हम मच्छरों द्वारा फैलाए जा रहे जानलेवा रोगों से परिवार की रक्षा कर सकते हैं। शरीर पर मच्छरों से बचाव करने वाली क्रीम का इस्तेमाल करना। खिड़की दरवाजों पर जालियां लगाना। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना। अधिकतर हल्के रंग के एवं शरीर को पूरा ढकने वाले कपड़े पहनना। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर जरूरी परहेज करना आदि सबसे महत्वपूर्ण है।
हर दूसरा व्यक्ति मलेरिया से प्रभावित
&रासायनिक दवाओं का छिड़काव, मच्छरदानी बांटना व बरसाती पानी को जमा होने रोकना जैसे काम हाईरिस्क एरिया में लगातार किए गए , जिससे पिछले तीन वर्षों की तुलना में मलेरिया के मामले में 90 प्रतिशत का सुधार दिखाई दिया। तीन साल पहले जिले में रक्त परीक्षण के लिए पहुंचा हर दूसरा व्यक्ति मलेरिया से प्रभावित होता था। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के असर के साथ स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कार्यकर्ताओं ने मलेरिया नियंत्रण के लिए सराहनीय कार्य किया।
डीएस सिसोदिया, जिला मलेरिया नियंत्रण अधिकारी