हाट बाजार मंडी परिसर में लगने से अनाजमंडी में कटलरी कपड़े, फूड की दुकान लग रही है। केंद्र और राज्य सरकार के फेर में व्यापारी किसकी सुने।
केंद्र सरकार 10 किलो अनाज भी आरटीजीएस से खरीदने का कहती है और राज्य सरकार 2 लाख तक किसानों को नकद भुगतान करने की छूट देती है। मंडी में अनाज बेचने आए किसानों को 10 किलो अनाज बेचने के लिए भी आरटीजीएस अनिवार्य कर दिया है। एपीएमसी के नियम हटाने के वित्तमंत्री के आदेश के महीनों बाद भी कार्रवाई नहीं हुई।
पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं
यहां पहुंचने वाले किसानों एवं व्यापारियों के लिए पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है। महिला किसानों के लिए शौचालय की भी कोई व्यवस्था अब तक नहीं की गई है। जबकि थांदला पेटलावद में जिला मुख्यालय से ज्यादा सुविधाजनक मंडी तैयार है। राणापुर उप मंडी भी सुविधा की लिहाज से ज्यादा से बेहतर है। कल्याणपुरा एवं काली देवी में किसानों के लिए कोई उपमंडी की व्यवस्था नहीं की गई है।
30 प्रतिशत किसानों का भी पंजीयन नहीं
उत्कृष्ट मंडी बनने वाली झाबुआ की मंडी उपेक्षा की वजह से किसानों और व्यापारियों का सिरदर्द बन गई है। नल्दी बड़ी की राजी भाबर 18 किलो गेहूं लेकर मंडी में बेचने पहुंची। जिसे व्यापारियों ने नगद भुगतान किया। क्षेत्र में 30 प्रतिशत किसानों का भी पंजीयन नहीं है। किसान योजनओं में फसल नहीं बेचना चाहता फसल के बदले नकद लेना चाहता है। रमेश बाबर ढेबर से साडे तीन क्विंटल सोयाबीन लेकर पहुंचा। जिसे 1 क्विंटल के 3500 रुपए में बिना बोली लगाए पूरा माल बेचना पड़ा। वजिया वसुनिया निवासी नवापाड़ा, बोडा पणदा निवासी सातबील्ली अनकू भाबर निवासी ढेबर ने बताया कि फसल पानी ने बर्बाद कर दिया। मु_ी भर फसल लेकर बेचने से लागत भी वसूल नहीं हो सकेगी। मंडी में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं। किसान चेक एवं आरटीजीएस से पैसा लेना नहीं चाहते। कमतु बाई मेड़ा निवासी पानकी 1 क्विंटल मक्का लेकर पहुंची। जिसे 1920 रुपए नकद मिले। कमतु ने बताया की मंडी में शेड नहीं होने से बरसात और गर्मी दोनों मौसम में किसान परेशान
होता है।
नीलामी प्रक्रिया
की जाएगी
&नीलामी प्रक्रिया में व्यापारियों को प्लाट दिए जाएंगे। आचार संहिता के बाद विज्ञप्ति निकालकर नीलामी प्रक्रिया की जाएगी , जिससे व्यापारियों को व्यवस्थित दुकाने मिल जाएगी। जमीन पर कब्जे पर कुछ कह नहीं सकता।
-केके दिनकर, मंडी सचिव
हाट बाजार के लिए जगह चिह्नि कर रहे
&हाट बाजार के लिए जगह चिह्नित कर रहे हैं। जल्द ही कृषि मंडी को साप्ताहिक बाजार लगने से राहत मिलेगी।
-एलएस डोडिया,
सीएमओ