युवकों ने जय जय कारो के साथ पूरे नगर को श्याम मय बना दिया । शोभायात्रा में शामिल भजन गायक बंटी सोनी का विभिन्न संस्थाओं ने स्वागत किया। बस स्टैंड से विशान निशान शोभा यात्रा लक्ष्मीबाई मार्ग होते हुए राजवाड़ा चौक स्थित कीर्तन स्थल पहुंची। जहंा महा मंगल आरती के साथ निशानयात्रा का समापन हुआ। बंटी सोनी ने बताया कि श्री श्याम बाबा की अपूर्व कहानी मध्यकालीन महाभारत से आरम्भ होती है। वे पहले बर्बरीक के नाम से जाने जाते थे। वे अति बलशाली गदाधारी भीम के पुत्र घटोत्कछ और नाग कन्या मौरवी के पुत्र हैं। उन्होंने युद्ध कला अपनी मां तथा श्री कृष्ण से सीखी। भगवान् शिव की घोर तपस्या करके उन्हें प्रसन्न किया और तीन अमोघ बाण प्राप्त किए। इस प्रकार तीन बाणधारी के नाम से प्रसिद्ध नाम प्राप्त किया। रात्रि 8 बजे से भजनों की समाप्ति तक श्याम महाकीर्तन एवं ज्योति दर्शन का आयोजन हुआ। इसमें भजन गायक बंटी सोनी एवं लक्ष्मीनारायण कुमावत ने श्याम महिम के भजनों की प्रस्तुति दी। इसमें श्रोताओं ने झूम कर लाभ उठाया ।