झाबुआ. महिलाएं अब अबला नहीं सबला है। प्राचीन कला में हमारे देश में मुगलों के आक्रमण तथा अंग्रेजों के शासनकाल में उस समय की परिस्थिति के कारण महिलाओंं को काफी अत्याचार एवं अन्याय सहन करना पड़ा। इसके कारण आज तक हम उस मनोवृत्ति से दूर नहीं हो पा रहे हैं। वर्तमान में शासन-प्रशासन, समाज एवं आम जनमानस में महिलाओं के प्रति सम्मान बढ़ा है। वहीं कई अधिनियमों एवं योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को आगे बढ़ाने तथा प्रोत्साहित करने के कार्य निरंतर किए जा रहे हैं। यह बात जिला सलाहकार मंडल (डीपीए) के अध्यक्ष यशवंत भंडारी ने अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर स्थानीय उत्कृष्ट उमा विद्यालय में महिला सशक्तिकरण विभाग की ओर से ‘महिलाओं का अधिकार, मानव अधिकार है’ विषय पर व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि देश में आजादी के बाद तथा वर्तमान में महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं तथा प्रयास हर स्तर पर किए जा रहे हैं, परन्तु उनका लाभ उठाने के लिए महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना होगा। मुख्य अतिथि राज्य महिला आयोग सखी अर्चना राठौर ने महिला आयोग के कार्यों एवं योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि महिला आयोग पूरे प्रदेश में सक्रियता से कार्य कर रही है। प्रत्येक जिले में आयोग द्वारा महिला सखी की नियुक्ति की गई है।
महिला शक्ति समिति एवं शौर्य दल का गठन जिला महिला सशक्तिकरण आरएस बघेल ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों तक महिलाओं के अधिकारों एवं हितों के संरक्षण तथा उन्हें सहयोग देने के लिए प्रत्येक पंचायत स्तर पर महिला शक्ति समिति एवं शौर्य दल का गठन किया गया है। इसमें महिला जनप्रतिनिधि सहित ग्राम की अग्रणी महिलाओं एवं सामाजिक सेवाओं से जुड़े पुरुषों को सदस्य बनाया गया है। अध्यक्षता करते हुए पूर्व प्राचार्य एमएल फुलपगारे ने कहा कि जिस स्थान पर यह कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। यहां मैंने पिछले 40 वर्षों तक अपनी सेवाएं दी हैं। जब तक आप अपने कर्तव्य के प्रति सजग एवं समर्पित नहीं होंगे, तब तक आपके पास अधिकार नहीं आएंगे। जो व्यक्ति अपने कार्य ईमानदारी से पूरे करता है। उसकी ईश्वर भी मदद करता है तथा उसके आत्मबल से उसे कोई भी अधिकार मांगने की आवश्यकताएं नहीं होती है। स्वत: ही उसे प्राप्त हो जाती है।
मानव के अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिएविषेष अतिथि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रचना भदौरिया ने कहा कि जापान में हिरोशिमा एवं नागासाकी पर परमाणु हमले के पश्चात् अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानव के अधिकारों के संबंध में विस्तृत चर्चा हुई तथा 1948 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मानव अधिकार आयोग का गठन करने का निर्णय लिया है। हमारा प्रमुख लक्ष्य है कि किसी भी स्थिति में किसी भी मानव के अधिकारों को हनन नहीं होना चाहिए। हम 24 घंटे जन सेवा के लिए तत्पर रहते हैं। विभाग एवं एमएसडब्ल्यू के प्रषिक्षणार्थियों ने अतिथियों का स्वागत किया। सीता बारिया एवं उनके साथियों ने मां सरस्वतीजी की वंदना प्रस्तुत की गई। संचालन प्रकाश ने किया। आभार जन अभियन परिषद् के ब्लॉक समन्वयक दयाराम मुवेल ने माना। इस अवसर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं जन अभियान परिषद् के मेटर्स राजेश बैरागी सहित अन्य प्रशिक्षणार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
Home / Jhabua / महिला सशक्तिकरण की राह बनी आसान,महिला अधिकार भी मानव अधिकार