पहले नपा कार्यालय में लगेगा रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, फिर आम लोगों को करेंगे जागरूक
नगर के 30 फीसदी इलाकों में सीमेंटेड सड़कें होने से जमीन में नहीं उतर रहा पानी
पहले नपा कार्यालय में लगेगा रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, फिर आम लोगों को करेंगे जागरूक
झाबुआ. इस गर्मी में शहर जमकर तपा। मई महीने में तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया। इसका असर भूजलस्तर पर पड़ा। वहीं जीवनदायिनी अनास नदी में भी पानी खत्म होने की कगार पर पहुंच गया। हालातों को देखते हुए अब नगरपालिका ने लोगों को अपने घरों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए प्रेरित करने का निर्णय लिया है ताकि शहर के भूजलस्तर में वृद्धि हो सके। अभियान की शुरुआत नगरपालिका कार्यालय से ही होगी। सबसे पहले यहीं पर वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाएगा।
शासन ने 140 वर्ग मीटर या इससे बड़े प्लॉट पर बनने वाले भवन में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य कर रखा है। आपको जानकारी हैरानी होगी कि 2009 में यह नियम लागू होने के बाद भी बमुश्किल 10 प्रतिशत भवनों में भी वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगा है। सरकारी भवन भी इससे अछूते हैं। शहर का भू-जलस्तर लगातार गिर रहा है। ऐसे में जरूरी है ज्यादा से ज्यादा लोग वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अपनाएं। नगरपालिका में दर्ज आंकड़ों के अनुसार शहर में 46 00 मकान बने हैं। सरकारी भवनों की संख्या अलग है। यदि इन सबको जोड़ लिया जाए तो भी बमुश्किल 10 प्रतिशत मकानों में भी वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगे हैं। न ही कभी किसी ने इस दिशा में कोई प्रयास किए। कुछ लोग बारिश के पानी को जमीन में उतारने और जल सहेजने की दिशा में काम तो कर रहे हैं, लेकिन जरूरत के मुकाबले अभी भी यह काफी कम है।
10 हजार रु.जमा करवा लगा सकेंगे सिस्टम : जिन्हें अपने घर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवा
ऐसे करें वॉटर हार्वेस्टिंग
इंजीनियर एवं वाटर हार्वेस्टिंग के जानकार संजय कांठी के अनुसार रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए सबसे पहले जमीन में 3 से 5 फीट चौड़ा व 6 से 10 फीटा गड्ढ़ा खोदना होगा। फिर सबसे नीचे मोटे पत्थर (कंकड़), बीच में मध्यम आकार के पत्थर (रोड़ी) व सबसे ऊपर बारीक रेत या बजरी डाल दी जाती है। यह फिल्टर करता है। छत से पानी एक पाइप के जरिए गड्ढ़े में उतार दिया जाता है। गड्ढ़े से पानी धीरे-धीरे छनकर जमीन के भीतर चला जाता है। इसी तरह फिल्टर के जरिए पानी को टैंक में एकत्रित किया जा सकता है। ना है वे नगरपालिका कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। इसके लिए 10 हजार रुपए शुल्क जमा करवाना होगा। व्यक्ति चाहे तो अपनेस्तर पर भी सिस्टम लगवा सकता है।
सिस्टम का प्रबंध जरूरी
140 वर्ग मीटर या इससे अधिक के प्लॉट पर भवन निर्माण में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का प्रबंध अनिवार्य है, अनुमति तभी मिलेगी जब भू-खंड मालिक वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का उल्लेख करेगा
4600 मकान है शहर में
90 प्रतिशत मकानों में नहीं है पानी रिचार्ज के सिस्टम
वॉटर हार्वेस्टिंग के फायदे
एक हजार फीट की छत से एक साल में 8 0 हजार लीटर पानी छत के आउटलेट को पीवीसी पाइप से जोड़कर जमीन में उतारा जा सकता है।
पाइप को फिल्टर के साथ जोड़ा जाता है जो पानी साफ करता है। शुरुआती पानी को बहाने के लिए वाल्व भी लगाया जाता है।
फिल्टर से साफ पानी बोरिंग, हैंडपंप या कुएं में उतारा जा सकता है। इसके अलावा सोखता गड्ढ़ा बनाकर भी पानी को सीधे जमीन में उतारा जा सकता है।
ये हैं आसान पांच तरीके
बरसाती पानी को एक गड्ढ़े के जरिए सीधे धरती के भूगर्भीय जल भंडार में उतार दिया जाता है।
संस्थानों की बाउंड्रीवॉल के पास बड़ी नालियां बनाकर।
छत के बरसाती पानी को पाइप के जरिए कुएं में उतारा जाता है।
एक पाइप के जरिए छत के पानी को सीधे ट्यूबवेल में उतारा जा सकता है। इसमें पाइप में फिल्टर जरूर लगाना चाहिए।
छत के बरसाती पानी को सीधे टैंक में भी जमा किया जा सकता है।
लोगों को जागरूक किया जाएगा
&रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। सबसे पहले नपा कार्यालय भवन में ही सिस्टम लगाएंगे। इसके लिए अगले सप्ताह से काम शुरू हो जाएगा। अन्य विभाग के अधिकारियों से भी अपील है कि वे अपने-अपने कार्यालय भवन में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जरूर लगाएं।
एलएस डोडिया, सीएमओ,
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