युवती ने सबसे पहले 2४ मार्च 2017 को शांतिलाल बिलवाल के खिलाफ पुलिस को शिकायत की थी। उस वक्त बिलवाल विधायक थे। उन्होंने आदिवासी परंपरा के मुताबिक युवती के माता-पिता को दहेज-दापा के रूप में ढाई लाख रुपए अदाकर एक समझौता शपथ पत्र प्रस्तुत कराते हुए मामले को रफादफा करवा दिया था। इसके बाद 3 अक्टूबर 2017 युवती ने दोबारा जनसुनवाई में एसपी को आवेदन देकर शांतिलाल बिलवाल के खिलाफ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। हालांकि उस वक्त भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बिलावल के खिलाफ एफआइआर होने के बाद सियासत भी शुरू हो गई है। हाल ही में विधायक बने कांतिलाल भूरिया ने कहा है कि भाजपा के शासन में मप्र पूरे देश में महिला संबंधी अपराधों में नंबर-1 बन गया था। उनके नेता खुद बहन-बेटियों के साथ ज्यादती कर रहे हैं। ये भाजपा का असली चरित्र है जो अब सबके सामने आ गया है।
&पूर्व विधायक शांतिलाल बिलवाल के खिलाफ ज्यादती की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। फिलहाल आरोपी के फरार होने से गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। तलाश की जा रही है।
– विनीत जैन, एसपी, झाबुआ
&ये कांग्रेस की राजनीतिक साजिश है। चूंकि आने वाले दिनों में पंचायत चुनाव होना है। ऐसे में कांग्रेसियों को पता है कि ग्रामीणों के बीच बार-बार उनका झूठ नहीं चलेगा। लिहाजा उन्होंने उक्त युवती को आगे कर मेरे खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया है। ताकि मुझे और पार्टी को बदनाम किया जा सके। जांच में सब साफ हो जाएगा।
-शांतिलाल बिलवाल, पूर्व विधायक