यहाँ स्वास्थ्य बिगड़ेगा या सुधरेगा ???
एसएनसीयू के कांच के दरवाजे टूट कर हो गए हैं जर्जर
झाबुआ. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना एवं मध्यप्रदेश शासन के आरसीएच कार्यक्रम के अंतर्गत नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) की शुरुआत की गई, ताकि कमजोर नवजात शिशु मृत्युदर में कमी आ सके । नवजात के स्वास्थ्य लाभ को देखते हुए जिला चिकित्सालय में यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से शुरू की गई इस इकाई को सभी तकनीकी उपकरणों से सुसज्जित किया गया।
नवजात के स्वास्थ्य को अधिकाधिक लाभ पहुंचाने के लिए नवजात को विशेष वातावरण में रखा जाता है, लेकिन जिला अस्पताल एवं प्रशासन की लापरवाही के चलते एसएनसीयू की सुरक्षा के लिए दोनों ओर लगाए गए कांच के दरवाजे टूटकर जर्जर स्थिति में अपने स्थान पर लटके पड़े हैं ।
बे रोक-टोक कोई भी व्यक्ति नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में आ-जा रहा है । आवारा कुत्तों को भी आसानी से अस्पताल में घूमते देखा जा सकता है। इससे इस इकाई में नवजात के लिए तैयार विशेष वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है। साथ ही दूसरे माले की ड्रेनेज लाइन लीक होने से इस इकाई में टपक रही है । छतों के प्लास्टर भी उखड़ गए हैं। इस संबंध में शिकायत भी संबंधितों से की जा चुकी है, लेकिन समस्या वैसी ही बनी हुई है ।
एक्स-रे फिल्म के दो ही पैकेट मिले
झाबुआ. जिला अस्पताल की एक्स-रे शाखा में मरीजों के लिए पर्याप्त मात्रा में फिल्में उपलब्ध नही हैं। करीब दो माह पूर्व यहां पर एक्स-रे फिल्में खत्म हो गई थीं। आसपास के सेंटरों से मांगकर यहां आने वाले मरीजों का एक्स-रे किया गया। वहीं फिल्में आई भी मात्र दो पैकेट। एक पैकेट में डेढ़ सौ फिल्में रहती हैं।
यहां के कर्मचारियों की मानें तो एक ही दिन में ५० से अधिक एक्स-रे हो जाते हैं। ऐसे में फिल्मों को काटकर एक्स-रे रिपोर्ट बनाना पड़ रही हैं। फिल्म खत्म हो जाएंगी तो मरीजों को एक्स-रे कराने बाहर जाना पड़ेगा।
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