इसी तरह प्राथमिक शाला में242 बच्चे दर्ज हैं एवं कक्ष 3 के साथ शिक्षक 2 पदस्थ हैं। जो वर्तमान में गुणवत्ता सुधार प्रशिक्षण में जा रहे हैं। इस कारण अतिथि शिक्षक का स्कोर कार्ड शाला अनुसार नियुक्ति नहीं होने से शिक्षक की व्यवस्था कर अध्यापन कार्य 2 अतिथि शिक्षकों द्वारा प्राथमिक 3 कक्षों में चला रहे हैं। माध्यमिक शाला एवं हाइस्कूल में भी स्कोर कार्ड के अनुसार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो से बच्चों के अध्यापनकार्य का भविष्य खतरे में है। जबकि शाला लगने का समय करीब दो माह बीत चुके है। पिछले सत्र में हाइस्कूल का 70 प्रतिशत से ऊपर रिजल्ट था। अगर समय के चलते व्यवस्था सुधारी नहीं गई तो इस वर्ष रिजल्ट 50 प्रतिशत से कम होने की संभावना है। इस संबंध में संस्था प्रमुख जगदीश सोलंकी एवं संकुल प्रभारी कैलाशचंद्र पाटीदार का कहना है कि अतिथि शिक्षक की ऑनलाइन प्रक्रिया होने से दो की नियुक्ति हुई थी। इसमें से एक अतिथि शिक्षक हाइस्कूल में पदस्थ की गई, किन्तु एक और अतिथि शिक्षक विनोद चौहान की नियुक्ति हाइस्कूल में हो गई थी, किन्तु महिला अतिथि समय से बाद में आई तो पुरुष अतिथि शिक्षक को हटाकर माशा में कर दिया। इसके कारण पुरुष अतिथि ने जाना बंद कर दिया। जबकि पुरुष अतिथि शिक्षक द्वारा पिछले वर्ष अध्यापन कार्य कर अच्छा रिजल्ट दिया था एवं पढ़ाने में भी अच्छी रुचि रखता था। यह छात्रों का कहना है कि इस प्रकार अध्यापन कार्यो में बार-बार बदलाव करने से बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।