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झाबुआ

अंचल की पहली युवा ने योग में जीता इंटरनेशनल योग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल

युवा दिवस पर विशेष 6 बार मिली मामूली अंतर से चूकी, सातवीं बार मेंं ‘गरिमा’ ने जीता गोल्ड, देव संस्कृति विवि से योग में एमएससी

झाबुआJan 12, 2019 / 12:50 am

अर्जुन रिछारिया

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अंचल की पहली युवा ने योग में जीता इंटरनेशनल योग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल

झाबुआ. हम बात कर रहे हैं गरिमा जायसवाल की। इनकी उम्र 24 साल है। पश्चिमी मप्र के आदिवासी जिले की पहली ऐसी युवा जिसने वर्ष-2017 में इंटरनेशनल योग चैंपियनशिप में गोल्ड जीता था। सफलता के ये सीढ़ी चढऩे में उसे लंबा सफर तय करना पड़ा। लगातार 6 बार मामूली अंतर से चूकी। कभी दूसरी तो कभी तीसरी पोजिशन पर रही। पर हौसला बरकरार रखा। आखिर सातवीं बार में लक्ष्य हासिल कर लिया। वर्तमान में वह श्रीनगर की गढ़वाल यूनिवर्सिटी से ‘प्राब्लम इफेक्ट ऑफ योगिक प्रैक्टिस ऑन ब्रेस्ट पेन इन वूमन’ पर पीएचडी कर रही है। हाल ही में गरिमा ने नेट/जेआरएफक्वालिफाय किया है। इसके आधार पर यूजीसी के द्वारा उसे रिसर्च के लिए 25 हजार रुपए महीना फैलोशिप दी जा रही है। गरिमा ने समयदान के तहत देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार में विदेशियों को योग का प्रशिक्षण भी दिया है।
लगातार प्रयासों के बाद मिली सफलता
गरिमा को स्वर्ण हासिल करने में काफी प्रयास करना पड़े। वर्ष 2013 में ऋषिकेश में हुए इंटरनेशनल योग फेस्टिवल में पहली बार हिस्सा लिया, लेकिन तीसरे नंबर पर रही। 2013 में ही हरिद्वार में हुई स्टेट लेवल योग चैंपियनशिप में दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। 2014 में पांडिचेरी में आयेाजित इंटरनेशनल योग फेस्टिवल में चौथा स्थान प्राप्त किया। इसके बाद कुरुक्षेत्र में हुई आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी योग चैंपियनशिप में तीसरा स्थान प्राप्त किया। 2016 में पांडिचेरी में आयेाजित इंटरनेशनल योग फेस्टिवल में फिर हिस्सा लिया, लेकिन कुछ अंकों से पिछडऩे के कारण दूसरे स्थान पर रही और रजत पदक प्राप्त किया। जिंद (हरियाणा) में हुई आल इंडिया इंटरनेशनल योग चैंपियनशिप में भी तीसरे स्थान पर रही। आखिरकार 2017 की शुरुआत गरिमा के लिए सफलता लेकर आई। 4 से 7 जनवरी को पांडिचेरी में हुई इंटर नेशनल योग स्पर्धा में गरिमा ने सोना हासिल कर लिया।
पिता ने प्रतिभा देखी और हरिद्वार भेज दिया
गरिमा का बचपन से योग में रुझान था, लेकिन स्थानीयस्तर पर शासन-प्रशासन की ओर से ऐसी कोई सुविधा नहीं है। इसलिए पिता विनोद जायसवाल ने बेटी की प्रतिभा को पहचाना और 12वीं के बाद योग की पढ़ाई के लिए देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वारा में एडमिशन कराया। उसने योग एवं समग्र स्वास्थ्य मनोविज्ञान में बीएससी की और योग एंड होलीस्टिक हेल्थ विषय से एमएससी की पढ़ाई पूरी की। वर्तमान में गरिमा योग में पीएचडी कर रही हैं।
ये भी है उपलब्धियां
ठ्ठ गरिमा में वर्ष 2014 में दिल्ली में हुए इंडो-चायना योगा डेमोस्टे्रशन में देश का प्रतिनिधित्व किया।
ठ्ठ इंटर नेशनल योग दिवस पर 21 जून 2016 को भूटान में भारत का प्रतिनिधित्व किया।

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