जिले के अधिकारी योजनाओं पर पलीता लगाने में एक भी कसर या मौका नहीं जाने देते। समग्र स्वछता के तहत जिले में पूर्ण करने की शासन डेडलाइन 31 अगस्त थी, परंतु यहां पर वर्षों से जमे अधिकारियों व कर्मचारियों ने अंतिम तारीख तक हितग्राहियों को लाभ न देते हुए शासन से प्रति हितग्राही राशि की आधी राशि में ठेकेदारों को ठेका दे दिया। ठेकेदारों ने भी कागजों व पुष्ठों से बनी पानी में तैरने वाली ईंटों से ताबड़तोड़ एक-एक दिन में ही लक्ष्य पूरा करने के लिए 500 शौचालय तय मापदंडों से कोसों दूर एक-एक गडढों के घटिया व अनुपयोगी बना दिए। अधिकारियों का पेट इतने में भी नहीं भरा जब अंतिम दिन पूरी जनपद पंचायत में पोर्टल पर सैकड़ों शौचालय की राशि दिख रही थी। बस यहीं राशि देख कर अधिकारियों ने अपनी कारगुजारी दिखाई व तत्काल सभी पंचायत सचिव को फोन लगाकर बाकी रहे शौचालयों के जियो टेग कर जनपद पंचायत के खाते में दिखाई दे रही राशि ग्राम पंचायतों के खातों में डालकर जनपद पंचायत के खाते से राशि निलकर पोर्टल पर पेटलावद जनपद को ओडीएफ पूर्ण बता दी। शासन व जनता से धोखाधड़ी कर फर्जी अवॉर्ड प्राप्त किया। इस घोटाले व घ्ािटया काम की उच्च स्तरीय जांच की जाती हैं तो इस घोटाले को अंजाम देने वाले लोग सलाखों के पीछे दिखेंगे।
मैं शौचालयों को दिखवा लेता हूं
किस तरह का निर्माण हुआ है। मैं शौचालयों को दिखवा लेता हूं। -हर्सल पंचोली, एसडीएम